डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन के संबंधों में आई तल्खी को अब पटरी पर लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं. चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी (PLA) का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही भारत का दौरा कर सकता है. डोकलाम विवाद के बाद पीएलए का यह पहला भारत दौरा होगा.
72 दिनों के डोकलाम विवाद के बाद चीन ने भारत के साथ सैन्य बातचीत बंद कर दी थी, लेकिन हाल ही में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे के बाद एक बार फिर बातचीत को पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो गई है. पीएम मोदी 28, 29 अप्रैल को चीन दौरे पर गए थे, यहां उन्होंने इन्फॉर्मल समिट के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ कई मुद्दों पर बात की थी.
इस बैठक के दौरान ही फैसला किया गया था कि दोनों सेनाएं बॉर्डर पर शांति स्थापित करने की कोशिशें करेंगी और डीजीएमओ लेवल की बातचीत पर भी गौर किया जाएगा.
वुआन में हुए इस समझौते के बाद अब यह तय हो गया है कि पीएलए का वेस्टर्न थिएटर कमांड जल्द ही भारत का दौरा करेगा. वेस्टर्न थिएटर कमांड के पास ही भारत बॉर्डर की जिम्मेदारी है.
चीनी रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता रेन ग्योकांग के अनुसार, अभी दोनों देशों के अधिकारी इस दौरे को लेकर बातचीत कर रहे हैं. इस तरह की बैठकें दोनों देशों की सेनाओं में बॉर्डर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी बैठकें होती रहीं तो दोनों देश के सैनिकों में भी विश्वास बढ़ेगा.
चीन के सीनियर प्रवक्ता कर्नल रेन ने कहा कि दोनों ही देश एशिया की बड़ी शक्ति हैं और एक मजबूत पड़ोसी भी हैं. उन्होंने कहा कि चीनी सेना दोनों देशों की सेना के बीच संबंधों को मजबूत करना चाहती है.
दोनों देशों के प्रमुखों की बातचीत के बाद अब सैन्य स्तर पर भी विश्वास बढ़ाने की जरूरत है. इसके अलावा दोनों ही देश अपने वार्षिक मिलिट्री एक्सरसाइज़ को भी दोबारा शुरू कर सकते हैं, जो कि डोकलाम विवाद के कारण 2017 में नहीं हो पाया था.