scorecardresearch
 

चीन का नापाक मंसूबा, तिब्बत सीमा पर बड़ी संख्या में फाइटर प्लेन किए तैनात

डोकलाम विवाद के बाद इस साल फरवरी के महीने में चीन के एयरफोर्स की ये सबसे बड़ी तैनाती है. चीन भारत से सटे तिब्बत में कई जगहों पर फाइटर एयरक्राफ्ट की तैनाती कर चुका है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

Advertisement

डोकलाम मामले पर मिली हार को चीन पचा नहीं पा रहा है. लिहाजा वह सीमा पर एक बार फिर गतिविधि तेज कर चुका है. पहले खबर आई थी कि चीन ने सीमा पर जासूसी के लिए मानवरहित हेलिकॉप्टर और ड्रोन को तैनात करने की योजना बनाई है. हालांकि अब खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन LAC के नज़दीक तिब्बत में भारी संख्या में अपने एयरफोर्स को तैनात कर रहा है.

डोकलाम विवाद के बाद इस साल फरवरी के महीने में चीन के एयरफोर्स की ये सबसे बड़ी तैनाती है. चीन भारत से सटे तिब्बत में कई जगहों पर फाइटर एयरक्राफ्ट की तैनाती कर चुका है.

चीनी एयरफोर्स ने तिब्बत के होपिंग में 13 की संख्या में MI-17 हेलीकॉप्टर की तैनाती की है. यही नहीं चीन ने तिब्बत के गंगा, काशी, हटान, सुले हेलिबेस और डिंगजिंग में भी हेलीकॉप्टर और फाइटर प्लेन की संख्या बढ़ा दी ही. चीनी एयरफोर्स ने पिछले साल की अपेक्षा इस साल हेलीकॉप्टर और फाइटर प्लेन संख्या LAC के नज़दीक काफी ज्यादा कर दी है.

Advertisement

ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक़ चीन अक्साई चीन में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल से 10 किलोमीटर की दूर तक सेटेलाइट की जरिये नज़र भी रख रहा है. बाईडु नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम के जरिए चीन सीमा पर कड़ी नजर रख रहा है. ये इलाका लद्दाख के ब्रुट्से के नजदीक पड़ता है.

रिटायर्ड मेजर जनरल पीके सहगल ने आज़तक से बातचीत में कहा कि चीन भारत से सटे तिब्बत के इलाके में जो एयरफोर्स और अपनी सेना की तैनाती कर रहा है वो भारत के ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिये कर रहा है. भारत को इससे सावधान रहने की ज़रूरत है.

वहीं आपको बता दें कि इससे पहले खबर थी कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अपनी आगामी सैन्य कार्रवाई में मानवरहित हेलिकॉप्टर इस्तेमाल करने की कोशिश में जुटा हुआ है. डोकलाम पर गतिरोध के बाद से PLA उत्तर डोकलाम में अपनी मौजूदगी को मजबूत कर रहा है. साथ ही मानवरहित ड्रोन का तेजी से परीक्षण कर रहा है. चीनी सेना के इस कदम से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है. हालिया खुफिया रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि चीन अपने मानवरहित ड्रोन में फास्ट ट्रैक प्रोग्राम का इस्तेमाल कर रहा है.

Advertisement
Advertisement