डोकलाम विवाद पर कुछ दिन पहले ही भारत और चीन के बीच तनातनी खत्म हुई और शांति बहाल हुई थी, लेकिन एक बार फिर चीन ने अपनी गतिविधियां इस क्षेत्र में बढ़ा दी है. इससे भारत का टेंशन में आना लाजिमी है.
पिछले साल डोकलाम विवाद पर समझौता करने के बाद चीन ने एक बार फिर अपनी सक्रियता इस क्षेत्र में बढ़ा दी है. चीन की यह सक्रियता कहीं पाकिस्तान को राहत देने के लिए तो नहीं है. नए साल की शुरुआत के बाद से ही पाकिस्तान और अमेरिका के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है. अमेरिका ने उसे दिए जाने वाले आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है. वहीं चीन इस मामले में पाक के साथ पूरी तरह से खड़ा नजर आ रहा है, और उसने उसे आर्थिक सहायता देने की बात कही है
दूसरी ओर, भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों में कोई सुधार नहीं है. वह लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है. वहीं, आतंकवाद के नाम पर भारत ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बना रखा है. ऐसे में चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा मददगार बनते दिख रहा है. डोकलाम मामला भारत के लिए हमेशा से कमजोर कड़ी रहा है, बैकफुट पर नजर आता है.
इससे पहले, द प्रिंट की जानकारी के मुताबिक चीन ने क्षेत्र के उत्तरी हिस्से को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है. भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि चीन उत्तरी डोकलाम में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा था, "यह भूटान और चीन के बीच एक विवादित क्षेत्र है. यहां से चीनी सेना सैन्य बलों की तैनाती में कुछ कमी लानी चाहिए. लेकिन यह हो सकता है कि चीन सर्दी गुजरने के बाद अपने फोर्स में कमी लाए. अब हमें देखना और इंतजार करना होगा."
अमेरिका से बढ़ती दोस्ती, और अब भारत के इजराइल के साथ बेहद करीब आने से चीन और पाकिस्तान बेहद बौखलाए हो सकते हैं. ऐसे में चीन भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वछंद स्थिति बनाए नहीं रखने देना चाहता होगा. हो सकता है कि चीन की यह हरकत भारत को डोकलाम विवाद पर फंसाए रखने की हो.
द प्रिंट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि इस पोस्ट के पास 10 दिसंबर को एक सैटेलाइट तस्वीर सामने आई, जिसमें वहां 7 हैलीपैड, नए खाई और हथियारों से लदे दर्जनभर से ज्यादा वाहन दिख रहे थे. यह उस जगह के बेहद करीब है जहां पिछले साल भारतीय सेना और चीनी सेना 72 दिन तक आमने-सामने डटे रहे थे. भारतीय सेना के बेस से यह महज 10 किलोमीटर ही दूर है.
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, सिक्किम-भूटान-तिब्बत की त्रिकोणीय सीमा के पास डोकलाम क्षेत्र में 1,600 से 1,800 चीनी सैन्य दस्ता वहां मौजूद था, जो वहां उसके स्थायी बेस के दर्शाता है. साथ ही वहां 2 निर्माणीधीन हैलीपैड, अपग्रेडेड नई सड़कें, ठंड से बचने के लिए बनाए गए शेल्टर्स मौजूद थे.