एक एनजीओ ने कहा है कि चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र के ऊपरी हिस्से में पनबिजली के लिए 26 बांध बना रहा है. एक दिन पहले गुरुवार को भारत ने माना था कि पनबिजली पैदा करने के लिए चीन ब्रह्मपुत्र पर तीन बांध बनाने जा रहा है.
जन जागृति नाम के एनजीओ ने तीन साल पहले छाया चित्र सार्वजनिक कर दावा किया कि तिब्बत में ब्रह्मपुत्र पर चीन बांध बना रहा है. चीन ब्रह्मपुत्र के पानी को 'दक्षिण से उत्तर जल बंटवारा परियोजना' नाम से पानी की दिशा मोड़ रहा है.
जन जागृति के अध्यक्ष अशोकनंदा सिंघल ने कहा, 'जन जागृति ने तीन साल पहले ही मीडिया के सामने यह तथ्य रखा था कि ब्रह्मपुत्र के पानी का इस्तेमाल न केवल पनबिजली के बांध के लिए हो रहा है, बल्कि चीन द्वारा उसकी दिशा भी मोड़ी जा रही है.' उन्होंने कहा, 'भारत में यार्लुग तरांगपो नदी को ब्रह्मपुत्र के नाम से जाना जाता है. भारत में यह नदी गोरगिंग गांव में प्रवेश करती है जहां ब्रह्मपुत्र नदी के माध्यम से चीन से हम 78.10 बीसीएम पानी प्राप्त करते हैं.
मानसून के दौरान जून से सितंबर तक 56.12 बीसीएम पानी भारत पहुंचता है. गैर मानसून समय में 21.98 बीसीएम पानी प्राप्त होता है. यही औसत पिछले 20 साल का है. उनहोंने आगे कहा, 'यदि चीन ने इन परियोजनाओं को पूरा कर लिया तो हमें केवल 64 प्रतिशत पानी ही मानसून के दिनों में मिल पाएगा. गैर मानसून समय में 85 प्रतिशत कम पानी नसीब होगा.'