भारत और नेपाल के रिश्तों में सुधार आता देख चीन एक बार फिर बौखला गया है. उसे भारत और नेपाल की दोस्ती पच नहीं रही है. यही वजह है कि उसने नेपाल के प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा के भारत दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत आर्थिक मदद की बदौलत नेपाल को रिझाने और वहां चीन के प्रभाव को कम करने का सपना न देखे. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में भारत को चेतावनी दी है कि अगर चीन भी ऐसा करने लगा तो भारत को मुंह की खानी पड़ेगी. डोकलाम विवाद के बीच शेरबहादुर देउबा का भारत दौरा काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि नेपाल ने साफ किया है कि वह भारत और चीन के बीच विवाद में तटस्थ रहेगा. नेपाल चीन और भारत दोनों के साथ अपने बॉर्डर को साझा करता है.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि देउबा के भारत दौरे पर दोनों देशों के बीच 25 करोड़ डॉलर (करीब 1600 करोड़ रुपये) के कुल 4 एमओयू पर दस्तखत होने हैं. चीन और नेपाल के आर्थिक सहयोग को अगर भारत गलत नजरिए से देखता है तो उसे अपने इस पड़ोसी देश के समर्थन के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. लेख में लिखा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था चीन की जीडीपी का 20 प्रतिशत है, जो नेपाल को मदद पहुंचाने में उससे मुकाबला करने के लिए नाकाफी है. अखबार ने लिखा कि वैसे तो नेपाल और चीन के बीच सकारात्मक संबंध स्थापित हो चुके हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि नेपाल भारत के साथ भी रणनीतिक महत्व बरकरार रखना चाहता है. ऐसे में अगर भारत नेपाल की मदद कर रहा है तो करे, इससे नेपाल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप से उबर सकेगा. चीनी अखबार ने लिखा है कि अगर भारत चीन के प्रभाव की काट के लिए अपने पड़ोसी को बड़ी आर्थिक मदद करना चाहता है तो उसे हिचकना नहीं चाहिए. इससे वहां चीन को ही फायदा पहुंचेगा और लोग चीन के सामान खरीद सकेंगे.
मोदी ने कहा दोस्ती हिमालय जैसी
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भारत दौरे पर हैं. गुरुवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दोनों देशों के बीच सड़क, सुरक्षा, बिजली, पानी के कुल 8 समझौते हुए हैं.साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेपाल के नागरिकों की उपलब्धियों की तारीफ करते हैं, नेपाल में भारत के सहयोग से कई तरह की विकास की योजनाएं चल रही है. नेपाल के विकास में भारत भी एक अहम साझेदार है. मैंने नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा के साथ दोनों देशों की साझेदारी पर चर्चा की. मोदी ने कहा कि हम दोनों देशों के संबंध हिमालय के जितने पुराने हैं.पीएम मोदी ने कहा कि भूकंप के बाद भारत ने नेपाल की मदद की है, हम इस सहयोग को और भी आगे बढ़ाएंगे. दोनों देशों के सुरक्षा के हित भी एक दूसरे पर निर्भर हैं. हम इस बार पर सहमत हैं कि बौद्ध और रामायण टूरिज्म सर्किट का विकास करेंगे. इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने मेक इन इंडिया अभियान में भरोसा जताया है. बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री चार दिन की यात्रा पर भारत पहुंचे हैं.