चीन ने प्रधानमंत्री मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे का विरोध किया है. उसने कहा है कि भारतीय नेतृत्व को ऐसी किसी कार्रवाई से परहेज करना चाहिए जो सीमा प्रश्न को जटिल बनाती हो. वहीं, भारत ने चीन के विरोध पर कड़ा ऐतराज जताया है. भारत ने पलटवार करते हुए एक बार फिर दोहराया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पीएम मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन-भारत सीमा सवाल पर चीन का रुख स्पष्ट है. चीन सरकार ने कभी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है और वह चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड के भारतीय नेता के दौरे का दृढ़तापूर्वक विरोध करता है.
चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर डाली गई प्रतिक्रिया में हुआ ने कहा कि चीन भारतीय पक्ष से आग्रह करता है कि वह दोनों देशों के साझे हितों को ध्यान में रखे. चीनी पक्ष के हितों और चिंताओं का सम्मान करे, द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार की गति बरकरार रखे और ऐसी कार्रवाई से परहेज करे जो विवाद को बढ़ा दे या सीमा प्रश्न को उलझा दे.
MEA's response to media query on Chinese MFA’s statement on PM's visit to Arunachal Pradesh today: This consistent position has been conveyed to Chinese side on several occasions https://t.co/Vg9xAyMzG9
— ANI (@ANI) February 9, 2019
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि भारतीय नेता समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं. अनेक मौकों पर चीनी पक्ष को इस रुख से अवगत कराया जा चुका है.
बता दें कि चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है. भारत और चीन सीमा विवाद निपटाने के लिए अब तक 21 दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है.
पीएम मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में चार हजार करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य की परियोजनाओं का उद्घाटन किया और उनकी आधारशिला रखी. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि उनकी सरकार सीमांत राज्य के संपर्क सुधारने को बहुत महत्व दे रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार राजमार्ग, रेल मार्ग, हवाई मार्ग और बिजली की स्थिति सुधारने को महत्व दे रही है जिसे पिछली सरकारों ने नजरअंदाज किया था.