चीन ने ईरान के खिलाफ उसके विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर कड़े प्रतिबंध लगाने का विरोध किया है. उसका कहना है कि गतिरोध को बातचीत के जरिये सुलझाया जाए.
चीन ने पिछले माह ईरान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का समर्थन किया था, लेकिन वह नये प्रतिबंधों के खिलाफ है और उसका कहना है कि हल बातचीत से ही निकल सकता है. शिन्ह्वा संवाद समिति ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता च्यांग यू के हवाले से बताया, ‘‘हमें उम्मीद है कि प्रासंगिक पक्ष मुद्दे के हल के लिये कूटनीतिक माध्यम का सहारा लेंगे.’’
यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को ईरान के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों को मंजूरी दे दी. इसमें तेल एवं गैस पर निवेश रोकना शामिल है. ऊर्जा क्षेत्र में निवेश पर भी पाबंदी लगा दी गयी. अमेरिका ने भी इस तरह के प्रतिबंध लगाये थे. ये प्रतिबंध नौ जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों के अलावा हैं.
ईरान के करीबी सहयोगी बन कर उभरे चीन ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों का समर्थन किया था, जिसमें हथियारों पर प्रतिबंध तथा यूरेनियम के खनन जैसी संवेदनशील गतिविधि से ईरान को रोकना शामिल था. प्रवक्ता ने कहा कि उनका देश नये कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ है और वह चाहता है कि बातचीत के जरिये समाधान निकले.