अपने सीमा प्रहरियों के लद्दाख में घुसपैठ करने की रिपोर्टों को ‘आधारहीन और गलत’ करार देते हुए चीन ने मंगलवार को कहा कि दोनों पड़ोसियों को सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये एकसाथ काम करना चाहिये. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जियांग यू ने कहा कि चीनी पक्ष सीमा पर गश्त के संबंधित प्रावधानों का कड़ाई से अनुसरण करता है और उसने भारतीय क्षेत्र पार नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि चूंकि चीन-भारत सीमा मुद्दा अब भी सुलझा नहीं है, लिहाजा दोनों पक्षों को सीमा क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति बनाये रखने के लिये एकसाथ काम करना चाहिये. जियांग से उस रिपोर्ट पर टिप्पणी पूछी गयी थी जिसमें चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों के लद्दाख क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन करने और पत्थरों तथा चट्टानों को लाल रंग से पोतने की बात कही गयी थी.
उन्होंने इन रिपोर्टों को ‘आधारहीन और गलत’ करार दिया. हथियारों से लदे और चीन जा रहे संयुक्त अरब अमीरात के विमान के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सरकार के पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि चीन के सैनिकों ने माउंट ग्या के निकट भारतीय क्षेत्र में करीब डेढ़ किलोमीटर अंदर तक प्रवेश किया था, जिसे भारत और चीन ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के तौर पर मान्यता दी है, और बड़े पत्थरों तथा चट्टानों को लाल रंग के स्प्रे से पोत दिया था. अधिकारियों के मुताबिक घुसपैठ जिस क्षेत्र में दर्ज हुई उसके लिये आमतौर पर लेह के पूर्व में स्थित चुमार सेक्टर का संदर्भ दिया जाता है. वहां चीनी सैनिकों ने लाल रंग के स्प्रे से सभी स्थानों पर बड़े पत्थरों और चट्टानों पर मेंडरिन में ‘चीन’ पोत दिया था.
सेना में 22,420 फुट माउंट ग्या को ‘फेयर प्रिंसेज ऑफ स्नो’ के नाम से जाना जाता है. यह जम्मू-कश्मीर के लेह, हिमाचल प्रदेश के स्पीति और तिब्बत के बीच के जुड़ाव केंद्र पर स्थित है. अधिकारियों के अनुसार सीमा पर गश्त दे रहे सैनिकों ने गत 31 जुलाई को जुलांग ला में विभिन्न चट्टानों और बड़े पत्थरों पर लाल रंग के निशान पाये थे. इस घुसपैठ से पहले चीन के हेलीकॉप्टरों ने गत जून में चुमार क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन किया था और कुछ आहार गिराया था जिसके इस्तेमाल की अवधि खत्म हो चुकी थी.