एक ओर चीनी सैनिक लगातार भारत की सीमा में बड़ी घुसपैठ को अंजाम दे रहे हैं, तो दूसरी ओर ऐसी गंभीर घटनाओं को लेकर देशवासियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. इसी अहम मसले पर संसद में गंभीर चर्चा हो रही है.
बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने गुरुवार को यह मुद्दा लोकसभा में उठाया था. उसके बाद संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने सदन को भरोसा दिलाया कि रक्षामंत्री शुक्रवार को इस मुद्दे पर बयान देंगे.
गौरतलब है कि चीन ने एक बार फिर भारत को हेकड़ी दिखाई है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने लद्दाख में डेप्सांग, चमार और पैगांग सो में करीब 640 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया है. इस तरह की खबरें हैं कि चीनी फौज ने इस इलाके में भारतीय फौज को पेट्रोलिंग करने से भी रोक दिया था.
सबसे ज्यादा अफसोस की बात तो यह है कि हमेशा की तरह विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कह दिया कि चिंता की कोई बात नहीं है.
भारतीय सेना को गश्त करने से रोका
हमारे सहयोगी चैनल हेडलाइंस टुडे की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक लद्दाख के डेप्सांग, चुमार, पैंगांग सो इलाके में की चीनी सेना ने घुसपैठ की है. चीनी सेना ने इन इलाकों में भारतीय सेना को एलएसी पर गश्त करने से रोक दिया है. इस सिलसिले में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड के प्रमुख श्याम शरण ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि इन इलाकों में चीनी फौज भारतीय सेना को गश्त नहीं करने दे रही है. पैंगांग के 85 वर्ग किलोमीटर में घुसपैठ की खबर आई है.
भारत का लचर रवैया
चीन चाहता है कि इन इलाकों में भारत अपना इंफ्रास्ट्रक्चर न बढ़ाए, जबकि भारत लंबे समय से कहता आ रहा है कि इन इलाकों में तोपखाना मजबूत करने की जरूरत है, सेना की बड़ी टुकड़ी भेजने की जरूरत है और साथ ही वायुसेना का भी सक्रिय होना जरूरी है. लेकिन इस मामले में न ही रक्षा मंत्रालय से, न ही विदेश मंत्रालय और न ही प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई ठोस कदम उठाया गया है. इस घुसपैठ से चीन ने अपने खतरनाक इरादे साफ कर दिए हैं और भारत को भी अब इस पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है.
दोनों देशों के बीच बढ़ रहा तनाव
पिछले एक साल में कई बार चीन की सेना के भारतीय क्षेत्र में घुसने और ऐसे मुद्दों पर दोनों देशों के बीच तनाव होने के बावजूद भारत सरकार का दावा है कि चीन सीमा पर सटे गांवों से लोग पलायन नहीं कर रहे हैं. पिछले दिनों सांसद ईजी सुगावनम ने लोकसभा में पूछा था कि क्या सरकार इस बात से वाकिफ है कि भारत-चीन सीमा पर लोग बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं. सांसद का कहना था कि इसकी वजह सीमावर्ती गांव में खाने की कमी, बुनियादी सुविधाओं का अभाव और सीमा पर बढ़ता तनाव है.
गृह राज्य मंत्री मुल्लपिल्लई रामचंद्रन ने इसके जवाब में कहा था कि भारत-चीन सीमा पर 1334 गांव बसे हैं. इन गांवों में 2.3 लाख से अधिक आबादी रहती है. सीमावर्ती इलाके के विकास के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों के माध्यम से विकास की योजनाएं चला रही है.