रेल अधिकारियों ने बताया कि चीन की राजधानी बीजिंग में दोनों नेताओं की बातचीत में भारी ढुलाई क्षमता के लिये प्रशिक्षण और एक रेलवे यूनिवर्सिटी की स्थापना पर चर्चा हुई.
रेलवे ने 160 किलोमीटर प्रतिघंटा तक गति बढ़ाने वाले नौ मार्गों की पहचान की है. इसमें दिल्ली-आगरा और चेन्नई-बेंगलुरू-मैसूर मार्ग शामिल हैं. रेलवे, पटरियों को मजबूत बना कर और सिग्नल प्रणाली को और उम्दा करने से मौजूदा मार्गों पर गति बढ़ाने की दिशा में प्रयास कर रहा है.
300 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन!
चीन, दिल्ली-चेन्नई हीरक चतरुभुज कॉरिडोर के तहत दिल्ली और नागपुर के बीच 300 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से ट्रेन चलाने की संभावना का भी अध्ययन कर रहा है.
रेलवे मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-चेन्नई कॉरिडोर के पहले चरण के तहत दिल्ली-नागपुर मार्ग को लिया गया है. चीन का एक दल दौरा भी कर चुका है और छह माह के भीतर रिपोर्ट मिल जाने की उम्मीद है.
ट्रेन परिचालन के अलावा देश में एक रेलवे यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिये चीनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल भी किया जायेगा. अधिकारी ने बताया, ‘बड़ौदरा में रेलवे स्टाफ कॉलेज को चीन की मदद से पूर्ण रेलवे यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा. एक्शन प्लान के मुताबिक, चीन भुवनेश्वर और बायाप्पानाहल्ली स्टेशनों के पुर्नविकास में भी सहयोग करेगा. रेलवे के पास कुछ चुनिंदा स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास स्टेशनों में तब्दील करने का प्रस्ताव है.
- इनपुट भाषा