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पीएम नरेंद्र मोदी से संबंध को लेकर दूर की सोच रखता है चीन

चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग भारत की तीन दिनों की यात्रा पर हैं. दोनों ही देशों में जिनपिंग के दौरे को लेकर काफी उम्‍मीदें हैं. ऐसे में चीनी मीडिया का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ जिनपिंग की बातचीत दूर तक असर डालने वाली रणनीति का हिस्‍सा है.

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क्‍या रंग लाएगी दो पड़ोसियों की दोस्‍ती...
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चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग भारत की तीन दिनों की यात्रा पर हैं. दोनों ही देशों में जिनपिंग के दौरे को लेकर काफी उम्‍मीदें हैं. ऐसे में चीनी मीडिया का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ जिनपिंग की बातचीत दूर तक असर डालने वाली रणनीति का हिस्‍सा है.

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इससे पहले, शी जिनपिंग ताजिकिस्‍तान, मालदीव और श्रीलंका का दौरा कर चुके हैं. गुजरात व नई दिल्‍ली उनके लंबे दौरे का आखिरी पड़ाव है. इसके बावजूद शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी के बीच होने वाली बातचीत पर चीनी मीडिया की निगाहें टिकी हुई हैं.

'द ग्‍लोबल टाइम्‍स' ने बुधवार को अपने संपादकीय में कहा है कि विकास के मसले पर भारत के साथ सहयोग करने की चीन की एक दूरगामी योजना है. चीन किसी छोटी उपलब्‍धि‍ के लिए काम नहीं कर रहा है. इसमें कहा गया है, 'हमारे लिए भारत-चीन संबंध की अपनी रणनीतिक अहमियत है. यह दुनिया की किसी अन्‍य बड़ी शक्ति से जुड़ा मामला नहीं है. दोनों देशों के बीच संबंध का विस्‍तार हमारे आपसी नजरिए पर निर्भर है.' यह अखबार चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी का नजरिया पेश करता है.

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अखबार ने कहा कि नरेंद्र मोदी के जापान दौरे को इस तरह देखा गया जैसे कि यह चीन के खिलाफ गठबंधन की कोशिश हो. अखबार के मुताबिक, जब इस महीने की शुरुआत में मोदी ने जापान का दौरा किया, तो मीडिया में इस तरह के शब्‍दों की बाढ़-सी आ गई कि यह चीन के खिलाफ एकजुटता का प्रयास है. अखबार में कहा गया है कि चीन के साथ अच्‍छे संबंध भारत के लिए भी फायदेमंद है.

पे‍किंग यूनिवर्सिटी में स्‍कॉलर Zhao Minghao ने कहा है कि मोदी ने ज्‍यादा से ज्‍यादा रोजगार के अवसर पैदा करने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए चीन के आर्थिक विकास के मॉडल को अपनाने की कोशिश की है. मोदी इसके जरिए बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्र का विकास करना चाहते हैं.

अमेरिका और जापान से तुलना किए जाने के मसले पर उन्‍होंने कहा, 'चीन ने दक्षिण एशिया के देशों की आर्थिक तरक्‍की की जरूरतों को दूसरों से कहीं ज्‍यादा बेहतर तरीके समझा है.'

बहरहाल, शी जिनपिंग के इन तीन दिनों के भारत दौरे के दौरान करीब 20 अहम समझौते का ऐलान मुमकिन है. दुनियाभर की निगाहें इस ओर टिकी हुई हैं.

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