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चीनी ऐप्स पर बैन से हमारे पास बड़ा अवसर, बन सकते हैं मेड इन इंडिया ऐप का हब: रविशंकर

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चीनी ऐप्स पर हमने जो प्रतिबंध लगाया है, मुझे लगता है कि यह एक बड़ा अवसर है. क्या हम भारतीयों द्वारा बनाए गए अच्छे ऐप के साथ मार्केट में आ सकते हैं?

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

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  • डिजिटल इंडिया के मुहिम के 5 साल पूरे
  • भारत को ऐप्स और सॉप्टवेयर हब बनाने पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल डिजिटल इंडिया मुहिम के आज पांच साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी, कम्युनिकेशन और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल इंडिया @5 साल फिल्म, डिजिटल भारत आत्मनिर्भर भारत के 5 साल पर ई-बुक और उमंग फिल्म को लॉन्च किया.

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चीनी ऐप्स पर हमने जो प्रतिबंध लगाया है, मुझे लगता है कि यह एक बड़ा अवसर है. क्या हम भारतीयों द्वारा बनाए गए अच्छे ऐप के साथ मार्केट में आ सकते हैं? हमें कई कारणों से अपने एजेंडे पर चलने वाले विदेशी ऐप्स पर निर्भरता को रोकना है.

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केद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत के पास टैलेंट की कमी नहीं है. सरकार की ओर से उन्हें प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसके साथ ही इन टैलेंट को आप (इंफोसिस के नंदन नीलकेणी) जैसे लोगों की मदद की जरूरत है. देश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप की बहुत संभावना है.

इंफोसिस के नंदन नीलकेणी से अपील करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आप लोग स्टार्टअप, प्रशिक्षित लोगों की यथासंभव मदद करें, ताकि विदेशी ऐप्स पर हमारी निर्भरता खत्म हो सके. चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध बड़ा अवसर देता है कि भारत मेक-इन-इंडिया ऐप्स का हब बने.

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ब्रांडबैंड को लेकर सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में अभी भी लैंडलाइन का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है. हम लैंडलाइन के जरिए ब्रांडबैंड की सेवा का विस्तार करने के लिए नीति बना रहे हैं. इसको कैबिनेट से मंजूरी जल्द मिल जाएगी.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारा मकसद भारत को सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाने का है. इसके लिए स्टेक होल्डर से बात करके नीति बना ली गई है. हम चाहते हैं कि तमाम डिजिटल मीडियम में आत्मनिर्भर बनने के साथ ही भारत सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने. भारत दुनिया का सॉफ्टवेयर हब बने.

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