प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के साथ मित्रता के चलते द्विपक्षीय संबंधों के और फलने फूलने की उम्मीदों के बीच भारत की नई सरकार के साथ राजनीतिक संपर्क कायम करने के मकसद से चीन के विदेश मंत्री वांग यी रविवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विशेष दूत के रूप में भारत पहुंचे.
61 वर्षीय वरिष्ठ राजनयिक वांग अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और खुद मोदी से भी मुलाकात करेंगे. उनके राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तथा नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात करने की संभावना है.
भारत में आम चुनाव के बाद दोनों सरकारों के बीच यह पहला संपर्क होगा. हालांकि चीनी प्रधानमंत्री ली किकियांग शपथ ग्रहण समारोह के बाद फोन पर मोदी से बातचीत कर चुके हैं. भारत यात्रा के दौरान वांग प्रमुख भारतीय अधिकारियों से मिलेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के बारे में गहन विचार विमर्श करेंगे. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हांग लेई ने मीडिया को पूर्व में इसकी जानकारी दी थी.
लेई ने बताया, भारत में एक नई सरकार का गठन हुआ है और चीन व भारत के समक्ष अब विकास के लिए नए अवसर सामने हैं. मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर चार बार चीन की यात्रा कर चुके हैं और बीजिंग भी अब अमेरिका और जापान के प्रति नई सरकार की नीतियों पर करीब से नजर रख रहा है जिन्हें वह अपना घोर प्रतिद्वंद्वी मानता है.
ऐसी स्थिति में चीन का सरकारी मीडिया और सरकारी थिंक टैंकों ने दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों में नई गति आने की उम्मीद जताई है.
चीन इस बात पर करीब से नजर रख रहा है कि मोदी अपने पहले विदेश दौरे पर किन-किन देशों की यात्रा पर निकलेंगे क्योंकि ली की पिछले वर्ष सत्ता संभालने के बाद सबसे पहली विदेश यात्रा भारत के लिए थी. चीन मीडिया ने इस माह मोदी के सबसे पहले भूटान और उसके बाद जुलाई में जापान जाने की योजना को विस्तार से स्थान दिया है. मोदी अगले माह ब्राजील में ब्रिक्स शिखर बैठक मे शी से मुलाकात करेंगे.