अमेरिका के एक शीर्ष विचारक संगठन ने आज कहा कि चीनी नौसेना हिन्द महासागर में मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुकी है और क्षेत्र में बंदरगाहों का निर्माण कराए जाने से उसकी मौजूदगी की स्पष्ट झलक मिलती है.
वाशिंगटन के सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी के विशेषज्ञ रॉबर्ट कपलान ने बताया ‘‘चीन का एक सामुद्रिक शक्ति के रूप में उदय पिछले एक दशक के दौरान हुए सबसे बड़े घटनाक्रमों में से एक है.’
उन्होंने सीएनएन को दिये गए साक्षात्कार में कहा ‘‘चीन सामुद्रिक शक्ति के रूप में क्यों उभर रहा है? क्योंकि वह ऐसा करने के लिये सबसे अच्छी स्थिति में है. उसने अपनी ज्यादातर भू-सीमाओं को व्यवस्थित कर रखा है. वह इस वक्त प्रभुत्व के चरम पर है.’ कपलान ने कहा कि चीन के साथ-साथ भारत भी सामुद्रिक शक्ति के रूप में उभर रहा है. इससे चीन और भारत अपने इतिहास में पहली बार एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पूर्वी एशिया तथा दक्षिण चीनी सागर और पूर्वी सागर में प्रभुत्व जमाने पर चीन एक महान क्षेत्रीय शक्ति बन जाएगा लेकिन हिन्द महासागर में मौजूदगी के साथ ही वह उससे भी बड़ी ताकत बन गया है.