प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. चीनी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने सोमवार को मोदी द्वारा सोशल मीडिया के जरिए चलाए जा रहे कूटनीतिक अभियानों की प्रशंसा की.
'संबंधों में रचनात्मक भूमिका निभाएगा'
अखबार ने 'मोदी की सोशल मीडिया कूटनीति भारत-चीन के बीच समझ बढ़ाने
में मददगार' शीर्षक के तहत एक लेख प्रकाशित किया है. लेख में कहा गया है, 'मोदी की ये पहल दोनों देशों के बीच संबंधों में रचनात्मक भूमिका निभाएगा. जब
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जून (बुधवार) को चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग को उनके 60वें जन्मदिन के अवसर पर बधाई दी थी तो उन्होंने एक बार
फिर सोशल मीडिया खातों के जरिए कूटनीति से जुड़े अपने उच्च मूल्यों को प्रदर्शित किया था.'
'विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत'
यह लेख शंघाई
इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में दक्षिण एशिया अध्ययन के निदेशक झाओ गानचेंग के इंटरव्यू पर आधारित है. झाओ के मुताबिक, 'विश्व का सबसे बड़ा
लोकतांत्रिक देश होने के बावजूद यह भी धारणा है कि भारत एक रूढ़िवादी देश है और इस देश के बारे में समय-समय पर नकारात्मक खबरें भी आती रहती
हैं.
'नया परिदृश्य देते हैं मोदी'
लेख में कहा गया है, 'मोदी हालांकि, अपनी कूटनीति के जरिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष भारत के बारे में नए परिदृश्य पेश
करने की कोशिश करते हैं. इस तरह की कूटनीति भारत और चीन संबंधों में रचनात्मक भूमिका निभाती है. झाओ का कहना है कि दोनों देशों के लोग एक-दूसरे को
मित्र के रूप में भी नहीं देखते.
'चीन को खतरा मानते हैं कुछ भारतीय'
लेख के मुताबिक, 'कुछ भारतीय चीन को अपना सबसे बड़ा खतरा मानते हैं, जबकि
कुछ चीनी नागरिक भारत को नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं.'
इनपुट IANS