सरकार ने शुक्रवार को एक संसदीय समिति को बताया कि चीनी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में भारतीय भूभाग के 19 किलोमीटर अंदर तंबू गाड़ लिए हैं और इस बात को सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि पहले की स्थिति बरकरार हो.
सूत्रों ने बताया कि रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा और कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति को सूचित किया कि भारत ने सीमा पर करीबी नजर रखने के लिए अपने बलों को तैनात किया है.
शर्मा और अन्य अधिकारी समिति के समक्ष तब उपस्थित हुए जब भाजपा के सदस्यों मुख्तार अब्बास नकवी और प्रकाश जावडेकर ने लद्दाख के देपसांग क्षेत्र में वास्तविक जमीनी स्थिति को जानना चाहा. वहां एक सप्ताह पहले दौलत बेग ओल्डी में चीन की ओर से घुसपैठ हुई है.
समिति की बैठक समय से पहले समाप्त कर दी गई क्योंकि सदस्य अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई अपर्याप्त सूचना से असंतुष्ट थे और उनसे 30 अप्रैल रिपीट 30 अप्रैल को होने वाली समिति की अगली बैठक में स्थिति का सटीक और ठीक-ठीक विवरण देने को कहा गया.
सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों ने समिति से कहा कि भारतीय सैन्य गश्ती दल ने 16 अप्रैल को देपसांग में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की मौजूदगी की सूचना दी. वे वास्तविक नियंत्रण रेखा के 19 किलोमीटर अंदर तंबू गाड़ रहे थे. उन्होंने समिति से कहा कि स्थापित तंत्र के अनुसार इस मुद्दे को फ्लैग बैठक के स्तर और कूटनीतिक माध्यमों से उठाया गया है जिसमें उनसे पूर्व की स्थिति बरकरार रखने और मुद्दे का समाधान मौजूदा तंत्र के जरिए करने को कहा गया है.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति से कहा कि चीन का भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मतभेद है और दोनों देशों के बीच आम तौर पर खींची हुई वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) नहीं है. उन्होंने कहा कि सीमा पर कुछ क्षेत्र हैं जिसके संबंध में भारत और चीन की एलएसी की अलग-अलग धारणाएं हैं.
अधिकारियों ने समिति से कहा कि एलएसी की धारणाओं में मतभेद के कारण अतिलंघन की घटनाओं को चीनी पक्ष के साथ स्थापित तंत्र तथा सीमा सुरक्षाकर्मियों की बैठक, फ्लैग बैठक, हॉटलाइन और कूटनीतिक माध्यमों के जरिए उठाया जाता है.
शुक्रवार की बैठक का एजेंडा सशस्त्र बल कर्मियों का कल्याण था लेकिन लद्दाख में घुसपैठ के मुद्दे को तब जोड़ा गया जब नकवी और जावडेकर ने स्थिति की सही तस्वीर पेश किए जाने और सरकार कैसे इससे निपट रही है इस बारे में जानकारी मांगी. नकवी और जावडेकर ने स्थायी समिति के अध्यक्ष राज बब्बर को यह कहते हुए पत्र लिखा कि लद्दाख में स्थिति बेहद गंभीर है लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है.