लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अप्रैल में आमना-सामना होने के बाद करीब एक दर्जन बार घुसपैठ का प्रयास कर चुके चीनी सैनिकों ने 20 जुलाई को लेह के उत्तर-पूर्व में स्थित चुमार क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा का फिर से उल्लंघन करने का प्रयास किया. इस बार भारतीय सैनिकों की चौकसी के कारण उन्हें वापस जाना पड़ा.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एक छोटी पहाड़ी पर चढ़ने वाले चीनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों का सामना करना पड़ा. चीनी सैनिकों के इस रवैये के कारण क्षेत्र में चीन-भारत सीमा पर तैनात सभी इकाइयों को उनकी गतिविधि पर पैनी नजर रखने के लिए अलर्ट कर दिया गया. चीनी सैनिकों का दावा था कि यह इलाका उनके क्षेत्राधिकार में आता है और वे भारतीय सीमा में पांच किलोमीटर अंदर स्थित तिबल क्षेत्र की ओर जा रहे थे. लेह से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित चुमार के बाद हिमाचल प्रदेश शुरू हो जाता है. चीनी सैनिकों को सीमा पर अलर्ट सेना और आईटीबीपी के सैनिकों ने रोक दिया.
चीनी सैनिकों ने कहा कि उन्हें पीएलए मुख्यालय के आदेशों का पालन करना होता है और तिबल क्षेत्र की थोड़ी-सी फोटोग्राफी करनी होती है. सूत्रों ने कहा कि हालांकि सामान्य आमना-सामना होने के बाद चीनी सैनिकों ने भोजन के रूप में मदद मांगी क्योंकि उनका भंडार समाप्त हो गया था. चीनी सैनिकों को चुमार तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी पैदल चलकर पूरी करनी पड़ी. सूत्रों ने कहा कि उन्हें भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया, क्योंकि सैनिकों के पास भोजन नहीं था, लेकिन पीएलए सैनिकों को जूस के कुछ कैन दिये गये. इसके बाद चीन के सैनिक अपने क्षेत्र में चले गये.
सू़त्रों ने कहा कि वास्तविक रेखा पर तैनात सभी भारतीय इकाइयों को अपने अपने क्षेत्रों में पैनी नजर रखने और ऊंचे स्थानों पर बार-बार गश्त के लिए कहा गया है. चुमार में हालिया समय में घुसपैठ की कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें 17 जुलाई की घटना भी शामिल है जब चीनी सैनिक पीएलए सैनिकों पर नजर रखने के लिए लगा सेना का निगरानी कैमरा ले गये थे. यह वही क्षेत्र है जहां अप्रैल में कुछ बंकर तोड़ दिये गये थे और सीमा चौकी पर लगे कैमरों के तार काट दिये गये थे, जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी.
चीन चुमार को अपने क्षेत्राधिकार में मानता है. पिछले साल पीएलए सेना के कुछ सैनिक हेलीकाप्टर की मदद से इस क्षेत्र में उतरे थे और उन्होंने सेना तथा आईटीबीपी के अस्थायी भंडारण तंबू तोड़ दिये थे.