आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की नाराजगी की खबरों के बीच पार्टी के नेता चिराग पासवान ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली से नोटबंदी के फायदे को लेकर जानकारी मांगी है. चूंकि चिराग पासवान LJP संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, इसलिए केंद्र सरकार के अहम सहयोगी होने के नाते उनकी चिट्ठी के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
आपको बता दें कि नोटबंदी के लागू होने के दो साल बाद राज्यसभा में सरकार ने भी माना कि इस दौरान लाइन में लगे लोगों की मौत हुई थी. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के दौरान लोगों की मौत के सवाल के जवाब में बताया कि इस संबंध में सिर्फ एसबीआई ने जानकारी मुहैया कराई है कि लाइन में लगने के कारण 4 लोगों की मौत हुई है. हाल में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी नोटबंदी का मामला जोरशोर से उठा था. देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने भी अपनी किताब में नोटबंदी को अर्थव्यवस्था पर चोट बताया था. अब ऐसे में एनडीए के सहयोगी दल LJP की चिट्ठी ने एक बार फिर नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
हालांकि चिराग पासवान ने यह जानकारी यह कर मांगी है कि उन्हें अपने क्षेत्र की जनता को बताना है कि नोटबंदी से क्या नफा-नुकसान हुआ. पार्टी सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान ने किसानों के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को पत्र लिखा है कि कृषि संकट के समाधान के लिए किसान आयोग के गठन और किसानों के ऋण को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं.
गौरतलब है कि 18 नवंबर को चिराग पासवान ने बीजेपी के चेतावनी देते हुए ट्वीट किया था कि, टीडीपी और आरएलएसपी के एनडीए गठबंधन से जाने के बाद एनडीए गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है. ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीके से दूर करें. चिराग ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाकात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पाई है. इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान भी हो सकता है.
गौरतलब है कि LJP की चेतावनी के बाद बिहार बीजेपी के प्रभारी महासचिव भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और चिराग पासवान को लेकर गुरूवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे. यह बैठक लगभग एक घंटे चली. हालांकि इस बैठक के बाद LJP का रुख क्या होगा यह देखने वाली बात होगी.