scorecardresearch
 

चित्तूर मुठभेड़: घटनास्थल पर जांच टीम भेजेगी NHRC

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने आंध्र प्रदेश में पुलिस द्वारा 20 लकड़हारों के मारे जाने के मामले में घटनास्थल पर जांच के लिए एक टीम भेजने का गुरुवार को फैसला किया है.

Advertisement
X
Chittor Encounter
Chittor Encounter

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने आंध्र प्रदेश में पुलिस द्वारा 20 लकड़हारों के मारे जाने के मामले में घटनास्थल पर जांच के लिए एक टीम भेजने का गुरुवार को फैसला किया है. आयोग ने यह फैसला मामले की दूसरे दिन की सुनवाई के दौरान सिविल सोसायटी और राज्य सरकार की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट के बाद किया.

Advertisement

एनएचआरसी ने पुलिस कार्रवाई में शामिल रहे सभी अधिकारियों के मोबाइल नंबर और घटना में घायल हुए पुलिसकर्मियों के मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए.

इससे पहले, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पुलिस ने गुरुवार को चित्तूर में 20 लकड़हारों और पांच विचाराधीन कैदियों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को रिपोर्ट सौंप दी. दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारी सात अप्रैल को हुई दोनों घटनाओं पर सुनवाई के दौरान एनएचआरसी के सामने उपस्थित हुए.

उन्होंने मुठभेड़ और इसके बाद पुलिस की कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट पेश की.

एनएचआरसी दोनों घटनाओं के संबंध में सुनवाई कर रही है. यह सुनवाई मृतकों के परिजनों और मानवाधिकार संगठनों के पुलिस पर हत्या का आरोप लगाए जाने के बाद की जा रही है.

आंध्र प्रदेश पुलिस ने अपनी एक रिपोर्ट में चित्तूर जिला स्थित सेशाचलम जंगल में पुलिस द्वारा 20 लकड़हारों के मारे जाने की परिस्थिति का जिक्र किया है. v पुलिस का यह दावा है कि लकड़हारे तमिलनाडु के रहने वाले थे और चंदन तस्करों के लिए काम करते थे और उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला किया, जिस कारण पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी.

Advertisement

एनएचआरसी के सदस्य यह जानना चाहते थे कि न्यायिक जांच के आदेश क्यों नहीं दिए गए. उन्हें यह जानकारी दी गई कि मामले की सुनवाई हैदराबाद उच्च न्यायालय में चल रही है.

तेलंगाना पुलिस ने नलगोंडा जिले में अलेर के नजदीक सात अप्रैल को हुई घटना की रिपोर्ट पेश की.

पुलिस ने कहा कि पांच विचाराधीन कैदी, जिन्हें वारंगल केंद्रीय कारा से हैदराबाद लाया जा रहा था, उन्होंने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की. यह दावा किया गया है कि वे दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में मारे गए.

तेलंगाना सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच के आदेश दे दिए हैं. मानवाधिकार संगठन हालांकि, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से या फिर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं.

मृतक मोहम्मद हनीफ की पत्नी ने बुधवार को एनएचआरसी प्रमुख के.जी. बालकृष्णन से मुलाकात की. उसने पुलिस के दावे पर असहमति जताया, जिसमें कहा गया है कि उसने हथियार छीन कर भागने की कोशिश की और कहा कि सभी के हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी और वे पुलिस के वाहन में बैठे हुए थे.

- इनपुट IANS

Advertisement
Advertisement