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अयोध्या मामले में 134 साल पहले दायर हुई थी याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनाया ऐतिहासिक फैसला

अयोध्या विवाद में 70 साल तक चली कानूनी लड़ाई, 40 दिन तक लगातार सुनवाई के बाद आज सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया. राजनीतिक तौर पर संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से ऐतिहासिक फैसला सुनाया. आइए जाने इस मामले में कब क्या हुआ?

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Supreme Court Verdict on Ayodhya (फोटो-PTI)
Supreme Court Verdict on Ayodhya (फोटो-PTI)

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अयोध्या विवाद में 70 साल तक चली कानूनी लड़ाई, 40 दिन तक लगातार सुनवाई के बाद आज सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया. राजनीतिक तौर पर संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से ऐतिहासिक फैसला सुनाया.

निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही पक्षकार माना. शीर्ष कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित जमीन को तीन पक्षों में बांटने के फैसले को अतार्किक करार दिया. आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को कहीं और 5 एकड़ की जमीन दी जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बनाए. इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व देने का आदेश हुआ है. आइए जाने इस मामले में कब क्या हुआ?

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- 1528:  मुगल सम्राट बाबर के सेनापति मीर बाक़ी ने  बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया.

- 1885: महंत रघुबीर दास ने फैजाबाद की जिला अदालत में याचिका दायर की और विवादित ढांचे के बाहर चंदवा (canopy) बनाने की अनुमति मांगी. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

- 1949: राम लल्ला की मूर्तियां विवादित ढांचे के बाहर केंद्रीय गुंबद के नीचे रखी गईं.

- 1950: गोपाल शिमला विशारद ने राम लल्ला की मूर्तियों की पूजा करने के अधिकार के लिए फैजाबाद जिला अदालत में याचिका दायर की.

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- परमहंस रामचंद्र दास ने पूजा-पाठ जारी रखने और मूर्तियों को रखने के लिए मुकदमा दायर किया.

- 1959: निर्मोही अखाड़ा ने जमीन पर कब्जा करने की मांग के साथ मुकदमा दायर किया.

- 1961: यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने  भी जमीन पर कब्जे को लेकर मुकदमा दायर किया.

- Feb 1, 1986: स्थानीय अदालत ने हिंदू श्रद्धालुओं को पूजा के लिए स्थान को खोलने के लिए सरकार को आदेश दिया.

- Aug 14, 1989: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित ढांचे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया.

- Dec 6, 1992: बाबरी मस्जिद गिराई गई.

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- Apr 3, 1993: विवादित भूमि को अधिग्रहित करने के लिए 'Acquisition of Certain Area at Ayodhya Act' पारित.

- केंद्र सरकार की तरफ से पारित अधिनियम को चुनौती देने के लिए इस्माइल फारूकी सहित कई लोगों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में रिट याचिकाएं दाखिल कीं.

-सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 139 A के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए रिट याचिकाएं स्थानांतरित कर दीं, जो उच्च न्यायालय में लंबित थीं.

- Oct 24, 1994: सुप्रीम कोर्ट ने इस्माइल फारूकी की याचिका पर कहा कि मस्जिद इस्लाम की अभिन्न अंग नहीं है.

- Apr, 2002: इलाहाबाद हाई कोर्ट में यह निर्धारित करने पर सुनवाई शुरू हुई कि विवादित स्थल का मालिक कौन है.

- Mar 13, 2003: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि असलम उर्फ भूरे मामले में, अधिग्रहित भूमि पर किसी भी प्रकृति की किसी भी धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है.

- Sep 30, 2010: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने  2:1 से फैसला दिया कि विवादित जमीन को तीन हिस्सों  सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लल्ला के बीच बांटा जाएगा.

- May 9, 2011: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवादित जमीन मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.

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- Mar 21, 2017: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने सभी पक्षों से कोर्ट के बाहर मामलों को सुलझाने का सुझाव दिया.

- Aug 7: इलाहाबाद  हाई कोर्ट के 1994 के फैसले को चुनौती देने वाली दलील सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की बेंच का गठन किया.

- Feb 8, 2018: सुप्रीम कोर्ट ने सिविल मामलों पर सुनवाई शुरू की.

- Jul 20: सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित रखा.

- Sep 27: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ को सौंपने से इनकार किया. मामले की सुनवाई नवगठित तीन-न्यायाधीशों की बेंच द्वारा 29 अक्टूबर से शुरू हुई.

- Oct 29: सुप्रीम कोर्ट ने तय किया कि जनवरी के पहले सप्ताह में उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई के बारे में फैसला करेगा.

- Dec 24: सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी, 2019 को सुनवाई के लिए मामले पर याचिकाएं लेने का फैसला किया.

- Jan 4, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने उपयुक्त पीठ के गठन का फैसला किया जो इस मामले में 10 जनवरी को सुनवाई की तारीखों की घोषणा करेगी.

- Jan 8: सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुनवाई के लिए पांच जजों वाली संविधान पीठ का गठन किया. इसमें  जस्टिस रंजन गोगोई के सहित जस्टिस एस ए बोबडे, एन वी रमना, यू यू ललित और डी वाई चंद्रचूड़ शामिल हैं.

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- Jan 10: जस्टिस यूयू ललित ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट को सुनाई की तारीख 29 जनवरी को बदलना पड़ा.

- Jan 25: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 5 सदस्यीय संविधान पीठ का पुनर्गठन किया. नई पीठ में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एस ए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नजीर शामिल किए गए.

- Jan 29: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से विवादित स्थल के आसपास की 67 एकड़ अधिग्रहित जमीन को मूल मालिकों को वापस करने की अनुमति मांगी.

- Feb 26: शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में मध्यस्थता की बात कही और मध्यस्थ तय करने के लिए 5 मार्च की तारीख तय कर दी.

- Mar 8: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश एफ एम आई कल्लीफुल्ला की अध्यक्षता में मध्यस्थता पैनल का गठन किया.

 - Apr 9: निर्मोही अखाड़ा ने  अयोध्या में विवादित जमीन के आसपास अधिग्रहित जमीन को मालिकों को सौंपने संबंधी केंद्र सरकार की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया.

- May 9: तीन सदस्यीय  मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी.

- May 10: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरा करने के लिए 15 अगस्त तक तारीख बढ़ाई.

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- Jul 11: सुप्रीम कोर्ट ने 'मध्यस्थता पर प्रगति रिपोर्ट' मांगी.

- Jul 18: सुप्रीम कोर्ट ने  मध्यस्थता की प्रक्रिया जारी रखने की इजाजत दी और 1 अगस्त तक रिपोर्ट देने को कहा.

- Aug 1: सुप्रीम कोर्ट में  मध्यस्थता सीलबंद रिपोर्ट सौंपी गई.

- Aug 2: मध्यस्थता का प्रयास असफल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त से रोजाना के आधार पर सुनवाई का फैसला किया.

- Aug 6: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर रोज-ब-रोज सुनवाई शुरू हुई

- Oct 4: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह 15 तक सुनवाई पूर कर लेगा और 17 नवंबर तक फैसला सुना देगा.

- सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वो राज्य वक्फ बोर्ड चेयरपर्सन को सुरक्षा मुहैया कराया जाए.

- Oct 16: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रख लिया.

- Nov 9: उच्चतम न्यायालय ने  अयोध्या में विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि आबंटित की जाए. पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला को सौंप दिया जाए, हालांकि इसका कब्जा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा.

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