केरल में एक ऐसा चर्च है जहां शादी करने से जोड़े का पोटेंसी टेस्ट जरूरी है. कोच्चि फोर्ट स्थित सैंटा क्रूज बैसिलिका के पादरी ने शादी करने के लिए जरूरी दस्तावेजों में पोटेंसी टेस्ट का सर्टिफिकेट शामिल करने का फरमान सुनाया है. पादरी का मानना है कि इससे विवाह जैसी संस्था को मजबूती मिलेगी. हालांकि, चर्च के इस फैसले से विवाद शुरू हो गया है.
चर्च के सदस्य एडवर्ड एडयाजेथ का कहना है, 'इम्पोटेंसी हकीकत है और इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं. मैंनै देखा है कि पार्टनर के 'कमजोर' होने की वजह से कई शादियां मुश्किल में पड़ गईं. इसके बाद दूसरे पार्टनर को लगता है कि उसके साथ धोखा हुआ है. ऐसे में चर्च को लोगों की मदद करनी चाहिए ताकि उन्हें अपनी सेक्सुअल क्षमता का एहसास हो सके.'
हालांकि, चर्च के कई दूसरे सदस्य ऐसे फरमान के खिलाफ हैं. इनका मानना है कि ऐसे नियम लागू करने से ईसाई समुदाय के भीतर गलत संदेश जाएगा. इनमें से अधिकतर सदस्यों ने फरमान सुनाने वाले पादरी को बर्खास्त करने की मांग कर डाली है.
इस बीच, विवादित फरमान के विरोध में उठी आवाज को देखते हुए चर्च ने इस मसले से खुद को अलग करने का फैसला किया है. चर्च के प्रवक्ता फादर स्टीफन अलाथरा कहते हैं, 'इस तरह का कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है. चर्च के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किए गए नोटिस में शादी के लिए जरूरी दस्तावेजों का जिक्र है लेकिन किसी जोड़े से यह नहीं कहा गया है कि वो शादी से पहले पोटेंसी सर्टिफिकेट लाए.