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52 साल पहले आज ही पता चला था कि सिगरेट से कैंसर होता है

यह बात 62 साल पहले आज ही के दिन 27 जून 1957 को पता चली थी. ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने आज ही के दिन पूरी दुनिया को यह बताया था कि सिगरेट की वजह से फेफड़ों का कैंसर होता है. भारत में करीब 12 करो़ड़ लोग सिगरेट, बीड़ी और हुक्का पीते हैं.

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27 जून 1957 को पता चला था सिगरेट से कैंसर होता है. प्रतीकात्मक तस्वीर (रायटर्स)
27 जून 1957 को पता चला था सिगरेट से कैंसर होता है. प्रतीकात्मक तस्वीर (रायटर्स)

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सिगरेट के धुएं का छल्ला बनाकर, कॉलर को थोड़ा ऊपर उठाकर... गाने से आज के युवा कुछ ज्यादा ही प्रेरित दिखते हैं. वे यह जानते हैं कि सिगरेट पीने से फेफड़े का कैंसर होता है, लेकिन सिगरेट छोड़ते बहुत कम लोग हैं. यही सिगरेट फेफड़ों के कैंसर के लिए जिम्मेदार है. यह बात 62 साल पहले आज ही के दिन 27 जून 1957 को पता चली थी. ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने आज ही के दिन पूरी दुनिया को यह बताया था कि सिगरेट की वजह से फेफड़ों का कैंसर होता है. भारत में करीब 12 करोड़ लोग सिगरेट, बीड़ी और हुक्का पीते हैं.

ब्रिटिश मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने 25 सालों के अध्ययन के बात इस बात का खुलासा किया था कि सिगरेट पीने से फेफड़ों का कैंसर होता है. उस समय सिगरेट बनाने वाली कंपनियों ने इसका पुरजोर विरोध भी किया था. कहा था कि ये सबकी सोच का मामला है. 27 जून 1957 को ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्रालय के संसदीय सचिव वॉन मॉर्गन ने इस रिपोर्ट को ब्रिटिश संसद के सामने रखा था. इसके बाद धीरे-धीरे लोगों को सिगरेट से होने वाले नुकसानों को बताने के लिए सरकारी कैंपेन चलाया गया था.

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आज भारत में हर साल करीब 15 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं. इनमें से आधे से ज्यादा कैंसर के शिकार हो जाते हैं. कैंसर के कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे ज्यादा मौतें सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के उपयोग से होती हैं. कैंसर इंडिया की हालिया रिपोर्ट को माने तो भारत में तंबाकू उत्पादों से होने वाले कैंसर से आज भी हर दिन करीब 2500 लोग मारे जाते हैं. 2018 में ही तंबाकू (सिगरेट और अन्य उत्पाद) से होने वाले कैंसर से करीब 3,71,302 लोगों की मौत हुई है.  

भारत में कैंसर बन रहा है लोगों की मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण

देश में दिल संबंधी बीमारियों के बाद कैंसर दूसरा सबसे बड़ा कारण है लोगों की मौत का. इस समय करीब 100 प्रकार के कैंसर हैं, जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकते हैं. इनमें 14 प्रकार के कैंसर सिर्फ सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की वजह से होते हैं. कैंसर से होने वाली कुल मौतों में सबसे ज्यादा मौतें ब्रेस्ट, ओरल और लंग्स कैंसर से होती हैं. ये चारों कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से 47.2 फीसदी मौतों की जिम्मेदार हैं. लैंसेट कि रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1990 से 2016 तक ही कैंसर के मामलो में 112 प्रतिशत का इजाफा हुआ था. 2 अक्टूबर 2008 को सार्वजनिक इलाकों में स्मोकिंग को प्रतिबंधित कर दिया गया था.

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2015 से 2017 तक 43.57 लाख कैंसर के मामले सामने आए

साल      मामले          मौतें

2015    13,88,397    7,01,007

2016    14,51,417    7,32,921

2017    15,17,426    7,66,348

2018    15,86,571    7,84,821

जानिए... देश के किस हिस्से में किस प्रकार का कैंसर फैला है

  1. उत्तर-पूर्वी राज्यः देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज पाए जाते हैं. यहां सबसे ज्यादा कैंसर ओरल और पेट का होता है. इसका कारण है धूम्रपान और रसोई में जलने वाली लकड़ियां.
  2. पश्चिम बंगालः पश्चिम बंगाल में फेफड़ों, मूत्राशय और पित्त का कैंसर होता है. सबसे बड़ा कारण है हवा और पानी में प्रदूषण.
  3. दक्षिणी और तटीय भारतः देश के दक्षिणी और तटीय राज्यों में सबसे ज्यादा पेट का कैंसर होता है. इसका सबसे बड़ा कारण है खाने में जरूरत से ज्यादा मसाले और नमक.
  4. गोवाः सबसे ज्यादा कोलोन (बड़ी आंत) का कैंसर. सबसे बड़ा कारण धूम्रपान, लाल मांस और शराब.
  5. गुजरात-राजस्थानः सिर और गले का कैंसर. सबसे बड़ा कारण तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी और पान मसाला.
  6. पंजाबः सभी प्रकार के कैंसर की दर सबसे ज्यादा. किडनी, मूत्राशय और ब्रेस्ट कैंसर भी होते हैं. सबसे बड़ा कारण प्रदूषण, कीटनाशक और खाने में विषाक्त पदार्थ.
  7. गंगा के मैदान (यूपी, बिहार, प. बंगाल) में पित्त की थैली, सिर और गले का कैंसर होता है. कारण है प्रदूषित पानी, मांस, तंबाकू और धूम्रपान.
  8. मध्यप्रदेशः सबसे ज्यादा ओरल कैंसर. कारण - तंबाकू और पान मसाला. 

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