गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि हवाई अड्डे, अंतरिक्ष और परमाणु प्रतिष्ठानों जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों को अपनी ‘ताकत और दिमाग’ का इस्तेमाल करना चाहिए.
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 41वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर चिदंबरम ने कहा कि बल को एक अनुसंधान एवं विकास इकाई स्थापित करनी चाहिए जिसमें इंजीनियरिंग के विभिन्न वर्गों के बेहद योग्य लोगों को रखा जाए. चिदंबरम ने कहा कि इस समूह को पूरी दुनिया पर नजर रखनी चाहिए और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए वे जिस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं उसे समझना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘सीआईएसएफ परमाणु उर्जा संयंत्रों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की रक्षा कर रही है. इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम इन महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करें. जो हवाई अड्डे पर लागू होगा वो परमाणु उर्जा प्रतिष्ठान पर लागू नहीं हो सकता. अंतरिक्ष प्रतिष्ठानों पर जो लागू होता है वो कहीं और लागू नहीं होगा.’
चिदंबरम ने कहा, ‘इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि सीआईएसएफ एक छोटी इकाई स्थापित करे. इसमें भौतिकी में स्नातकोत्तर या स्नातक या इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर या स्नातक करने वाले बेहद योग्य लड़कों की सीधी भर्ती की जा सकती है और उसके बाद उस इकाई को पूरी दुनिया पर नजर रखना शुरू कर देना चाहिए कि दुनिया के अन्य जगहों पर कैसे औद्योगिक और अन्य प्रतिष्ठानों की रक्षा की जा रही है.’
सीआईएसएफ और अन्य अर्धसैनिक बलों में अंतर को रेखांकित करते हुए चिदंबरम ने कहा कि सीआईएसएफ एक ‘सुरक्षा प्रतिष्ठान’ है ‘इसलिए मेरा मानना है कि यहां ताकत और दिमाग की आवश्यकता है.’