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CAA पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई आज, इन 3 जजों की बेंच बताएगी कानून वैध या नहीं?

केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन लंबे समय से जारी है. इस कानून के खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ी जा रही है. आज सुप्रीम कोर्ट में इसी कानून को लेकर दायर की गई 144 याचिकाओं पर सुनवाई होगी.

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चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे (फोटो: PTI)
चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे (फोटो: PTI)

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  • सुप्रीम कोर्ट में आज CAA पर सुनवाई
  • कानून के खिलाफ दायर की गई 141 याचिका
  • चीफ जस्टिस बोबडे की बेंच करेगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में आज नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. देशभर में इस कानून के खिलाफ बीते कई दिनों से प्रदर्शन जारी है और लोग सरकार के फैसले के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं. अदालत में इस कानून के खिलाफ 141 याचिकाएं दायर की गई हैं, जबकि एक याचिका समर्थन में और एक याचिका केंद्र सरकार ने दाखिल की है. चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे की अगुवाई में होने वाली इस मामले की सुनवाई तीन जज करेंगे, जिनपर पूरे देश की नज़र रहेगी.

चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे

हाल ही में चीफ जस्टिस बने जस्टिस एस. ए. बोबडे इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ की अगुवाई कर रहे हैं. जस्टिस बोबडे के पद संभालते ही ये पहला बड़ा मामला है, जिसकी वजह से पूरे देश की उनपर नज़र है. नागपुर से लॉ की पढ़ाई कर चुके जस्टिस बोबडे इससे पहले कई अहम मामलों की सुनवाई कर चुके हैं. बीते दिनों अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले का जो फैसला आया, उस मामले में भी जस्टिस एस.ए. बोबडे पीठ का हिस्सा थे. इसके अलावा आधार कार्ड, पटाखों की बिक्री समेत अन्य मामलों के फैसलों में भी जस्टिस बोबडे की अहम भूमिका रही है.

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जस्टिस अब्दुल नज़ीर

चीफ जस्टिस के बाद इस बेंच में जस्टिस अब्दुल नज़ीर दूसरे जज हैं. जस्टिस नज़ीर भी अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही बेंच का हिस्सा रह चुके हैं. जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने 1983 में वकालत की शुरुआत की. उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की, बाद में वहां बतौर एडिशनल जज और परमानेंट जज कार्य किया. 17 फरवरी, 2017 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज कार्यभार संभाला.

जस्टिस संजीव खन्ना

दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की एबीसीडी सीखने वाले जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत तीस हजारी कोर्ट से की थी. जिसके बाद वह दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे और वहां पर टैक्स, मेडिकल से जुड़े केसों पर काम किया. 24 जून 2005 को वह दिल्ली हाई कोर्ट में एडिशनल जज बने थे, उसके बाद 2006 में उन्हें दिल्ली HC में परमानेंट जज बनाया गया. पिछले साल यानी 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किए गए. जस्टिस खन्ना दिल्ली-NCR में कैमरा इंस्टाल करना, आम आदमी पार्टी के अयोग्य विधायक समेत अन्य बड़े मामलों की बेंच में रह चुके हैं.

LIVE: CAA पर सुप्रीम सुनवाई की कवरेज क्लिक कर पढ़ें...

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में कुल 144 याचिकाओं को सुना जाएगा. इसमें 141 याचिकाएं कानून के विरोध में हैं, 1 याचिका पक्ष में और एक याचिका केंद्र सरकार की है. केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए इस कानून के खिलाफ पिछले काफी लंबे समय से प्रोटेस्ट चल रहा है.

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