लोकसभा में सोमवार को जोरदार हंगामे के बीच नागरिकता संशोधन बिल पेश हुआ. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को पेश किया, विपक्ष लगातार इसका विरोध भी करता रहा. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बिल के विरोध में अपनी बात रखी और कहा कि मुल्क को ऐसे कानून से बचा लीजिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि सेक्युलिरज्म इस देश के बेसिक स्ट्रक्चर का हिस्सा है. यह बिल हमारे मूल अधिकारों का हनन करता है. हमारे मुल्क में सिटिजनशिप का कॉन्सेप्ट सिंगल है. आप यह बिल लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर रहे हैं. मैं आपसे हाथ जोड़कर अपील कर रहा हूं कि मुल्क को ऐसे कानून से बचा लीजिए.
Asaduddin Owaisi in Lok Sabha: I appeal to you(Speaker), save country from such a law&save Home Minister also otherwise like in Nuremberg race laws and Israel's citizenship act, Home Minister's name will be featured with Hitler and David Ben-Gurion. #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/ZEp1siNo56
— ANI (@ANI) December 9, 2019
इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ ऐसे शब्दों का विरोध भी किया, जिसे बाद में लोकसभा की कार्यवाही से हटा लिया गया.
गौरतलब है कि अमित शाह ने जब बिल को पेश किया तो जोरदार हंगामा हुआ. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी के सासंद सौगत रॉय ने इस बिल को संविधान का उल्लंघन बताया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा कि ये बिल संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है, ऐसे में हम इसके पेश होने का विरोध करते हैं.
इस दौरान अमित शाह और अधीर रंजन में तीखी बहस भी हुई. जैसे ही अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता बिल पेश किया. तब इसपर अधीर रंजन चौधरी ने विरोध जताया जिसपर अमित शाह ने तीखा जवाब दिया. अमित शाह ने अधीर रंजन को जवाब देते हुए कहा कि ये बिल कहीं पर भी इस देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है.
अमित शाह ने आगे कहा कि वह विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे हर सवाल का जवाब देंगे, लेकिन वह वॉकआउट करके ना भागें. लोकसभा में इस बिल को मतदान के बाद पेश किया गया.