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नागरिकता बिल पर बोले आनंद शर्मा- कौन सी विपत्ति थी कि इतनी जल्दी बिल लाए

राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा हो रही है. इस दौरान कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'आपने कहा यह ऐतिहासिक बिल है. इस बिल को इतिहास कैसे देखेगा यह तो वक्त बताएगा. इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों हो रही है, संसदीय कमेटी के पास इसे भेजा जाता और तब लाया जाता. 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है. ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है. ये बिल लोगों को बांटने वाला है.

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कांग्रेस नेता आनंद शर्मा
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा

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  • इस बिल को संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए था
  • ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है-आनंद शर्मा

राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा हो रही है. इस दौरान कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'आपने कहा यह ऐतिहासिक बिल है. इस बिल को इतिहास कैसे देखेगा यह तो वक्त बताएगा. इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों हो रही है, संसदीय कमेटी के पास इसे भेजा जाता और तब लाया जाता. 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है. ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है. ये बिल लोगों को बांटने वाला है.

आनंद शर्मा ने कहा कि असम में आज बच्चे सड़क पर क्यों हैं, जो डिटेंशन सेंटर बनाया गया है तो वहां पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजना चाहिए. किसी राजनीतिक दल का घोषणापत्र देश का संविधान नहीं हो सकता है. असम में आज लोग जल रहे हैं, उनके मन में असुरक्षा है लेकिन आप पूरे देश में NRC लाने की बात कह रहे हैं. आनंद शर्मा ने कहा कि गांधी-पटेल का नाम लेने से कुछ नहीं होगा, अगर सरदार पटेल पीएम मोदी से मिलते तो बहुत नाराज होते..गांधी का चश्मा सिर्फ विज्ञापन के लिए नहीं है.

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कांग्रेस नेता ने कहा कि अभी तक 9 संशोधन आए, गोवा, दमन-दीव, पुड्डुचेरी, युंगाडा, श्रीलंका, केन्या से आए लोगों को भारत की नागरिकता दी गई. 6 साल देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी थे, क्या उनपर भी सवाल खड़ा करेंगे. नागरिकता देते वक्त संसद ने धर्म को आधार नहीं बनाया, ये बिल आर्टिकल 14 का उल्लंघन है.

आनंद शर्मा ने कहा कि आपका ये बिल संविधान की परीक्षा में फेल होता है. भारत ने सदियों से लोगों को शरण दी है, यहूदी-पारसी-ईसाई सभी को भारत ने शरण दी थी. कांग्रेस नेता ने इस दौरान 9/11 का जिक्र किया, लेकिन 126 साल में 9/11 पर चार घटनाएं हुई हैं. महात्मा गांधी का सत्याग्रह भी 9/11 को शुरू हुआ था. 9 सितंबर को ही स्वामी विवेकानंद ने भाषण दिया था, उन्होंने कहा था कि मैं ऐसे देश से संबंध रखता हूं जो हर धर्म के लोगों को शरण देता है.

आनंद शर्मा बोले कि ये बिल संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है, क्या उन्हें इसके बारे में समझ नहीं थी. भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ, बंटवारे के बाद जो लोग यहां पर आए उन्हें सम्मान मिला है. पाकिस्तान से आए दो नेता प्रधानमंत्री भी बने हैं.कांग्रेस नेता बोले कि टू नेशन थ्योरी कांग्रेस पार्टी ने नहीं दी थी, वो सावरकर ने हिंदू महासभा की बैठक में दी थी.

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आनंद शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने बंटवारे का आरोप उन कांग्रेसी नेताओं पर लगाया जिन्होंने जेल में वक्त गुजारा, ये राजनीति बंद होनी चाहिए. आनंद शर्मा बोले कि कांग्रेस ने टू नेशन थ्योरी का विरोध किया था, उसे बैन भी कर दिया गया था. हिंदू महासभा, मुस्लिम लीग ने दो देशों की थ्योरी को समर्थन दिया, हिंदुस्तान का बंटवारा अंग्रेजों की वजह से हुआ कांग्रेस की वजह से नहीं. नया इतिहास मत लीखिए.

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