नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस बिल के विरोध में आ गए हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने नागरिकता बिल का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारत को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है. नागरिकता संशोधन बिल (CAB) को विजयन ने संविधान के खिलाफ बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बिल को केरल में लागू नहीं होने दिया जाएगा.
विजयन ने कहा, भारत का संविधान सभी भारतीयों के लिए नागरिकता के अधिकार की गारंटी देता है, चाहे उनका धर्म, जाति, भाषा, संस्कृति, लिंग या पेशा कुछ भी हो. नागरिकता संशोधन विधेयक लोगों के अधिकार को खत्म करता है. धर्म के आधार पर किसी की नागरिकता तय करने का अर्थ है संविधान को नकारना.
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, इस विधेयक से लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है. हमारी धर्मनिरपेक्ष एकता को समाप्त करने वाला यह विधेयक लोकसभा में काफी हड़बड़ी में पारित कराया गया. बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मुसलमानों को इससे अलग रखा गया है. धर्म के आधार पर किया गया यह भेदभाव प्राकृतिक न्याय से लोगों को वंचित रखना है.
विजयन ने कहा, इस विधेयक में कहा गया है कि तीन पड़ोसी देशों के 6 धर्म के लोगों को नागरिकता दी जाएगी. इस क्लॉज को हटाया जाना चाहिए. ऐसा नहीं है कि संघ (आरएसएस) को यह जानकारी नहीं होगी कि भारत में श्रीलंका और उन तीन देशों के शरणार्थी भी रहते हैं. संशोधन विधेयक संघ परिवार की योजनाओं को पूरा करने वाला है ताकि गैर-धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र का निर्माण किया जा सके. भारत में हर तरह के लोग रहते हैं. इन तथ्यों को दरकिनार करने का मतलब है देश को पीछे धकेलना.
Punjab Chief Minister's Office: Terming the Citizenship Amendment Bill (CAB) as a direct assault on India’s secular character, Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh today said his government would not allow the legislation to be implemented in his state. (File pic) pic.twitter.com/KLR79WVKZH
— ANI (@ANI) December 12, 2019
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी ऐसी ही बात रखी और इस विधेयक का विरोध किया. पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया, नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) भारत की सेकुलर छवि पर सीधा हमला है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बिल को पंजाब में लागू नहीं किया जाएगा.(इनपुट/ANI)