सीबीआई जज बीएच लोया की संदिग्ध हालात में मौत पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. ये सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच कर रही है, जिसमें उनके अलावा जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस एएम खानविलकर भी शामिल हैं. सुनवाई के दौरान पक्षकारों में तीखी बहस हुई. इस बीच चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को भी गुस्सा आया.
पीटीआई के मुताबिक, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने एक महिला वकील को फटकारा. महिला वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट मीडिया का गला घोंट रही है. इस कथन पर जस्टिस मिश्रा को गुस्सा आया और उन्होंने तुरंत महिला वकील से अपने शब्द वापस लेने और माफी मांगने को कहा.
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सुनवाई में किसने क्या कहा?
# जस्टिस चंद्रचूड़ - अभी तक की रिपोर्ट को देखते हुए यह एक प्राकृतिक मौत है.
# हरीश साल्वे - जब पेपर्स के अनुसार ये एक प्राकृतिक मौत है, तो फिर अमित शाह का नाम इसमें क्यों आ रहा है. हमें याचिकाकर्ता से किसी तरह की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.
# दुष्यंत दवे- इस मामले पर सरकार का जो रुख रहा है, वह सही नहीं है. हो सकता है कि ये एक प्राकृतिक मौत हो, लेकिन परिस्थिति को देखते हुए शक की गुंजाइश है. लिहाजा जांच लाजिमी है.
# दुष्यंत दवे ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से हरीश साल्वे के पैरवी करने का विरोध किया. दवे ने सुनवाई के दौरान कहा कि साल्वे ने पहले अमित शाह की ओर से इस मामले में पैरवी की थी और अब महाराष्ट्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे हैं. ये गलत है.
# इस पर साल्वे ने कहा कि हमें आपके उपदेश की जरूरत नहीं है.
बता दें कि सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट यह कहती हैं कि जज लोया की मौत संदिग्ध हालात में थी. लेकिन अभी तक की रिपोर्ट में ये माना गया है कि ये मौत प्राकृतिक ही थी.
सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो सभी केस
सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी भी हाईकोर्ट में अब जज लोया से जुड़े मामले की सुनवाई नहीं होगी. बॉम्बे हाईकोर्ट में जो दो याचिकाएं पेंडिंग हैं, उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षकारों से कहा है कि वे अपने दस्तावेज सीलबंद कर कोर्ट को सौंपे. मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी, दोपहर दो बजे होगी.