देश के नए चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई ने देश में वकीलों और जजों की कम संख्या पर अपनी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि कोर्ट में आने वाले केसों की संख्या काफी ज्यादा है और वकीलों- जजों की संख्या काफी कम है. उन्होंने कहा कि एक हजार लोगों में 15 केस हैं. चीफ जस्टिस गोगोई ने यह बात बार काउंसिल ऑफ इंडिया के इवेंट में कही.
उन्होंने कहा कि देश की कानूनी सहायता एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि देश में 67% कैदी अंडर ट्रायल हैं, इनमें 47% लोगों की उम्र 18-30 वर्ष के बीच है जिससे साफ है कि बड़ी संख्या में देश के युवा अंडर ट्रायल हैं.
What is the lawyer population in India? About 13-14 lakh lawyers, that is not much. In the US, there is 1 lawyer for every 200 people but in India, it is one lawyer for every 1800 people. Lawyer-population ration has to grow: Chief Justice of India Ranjan Gogoi pic.twitter.com/FS1NjLC3n2
— ANI (@ANI) October 6, 2018
'वकीलों की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों में हो सुधार'
चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि देश में वकीलों की कितनी संख्या है? केवल 13-14 लाख.. जो कि काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में 200 लोगों पर एक वकील है जबकि भारत में करीब 1800 लोगों पर एक वकील है. इस पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वकीलों की संख्या में बढ़ोतरी की जरूरत है. साथ ही गोगोई ने कहा कि जो भी वकील अपनी सेवा दे रहे हैं उन्हें भी अपनी क्वालिटी में सुधार करने की जरूरत है.
Legal aid is a huge subject. In India, 67% of prisoners are undertrials, out of these undertrials, almost 47% are between 18-30 yrs, which means a large population of youth are under trials. Quality of lawyers who are offering legal aid needs to be improved: CJI Ranjan Gogoi pic.twitter.com/4i7wp7wDRe
— ANI (@ANI) October 6, 2018
सीजेआई गोगोई ने कहा कि आर्थिक सामाजिक राजनीतिक मोर्चे पर लगातार लोगों की सक्रियता बढ़ रही है इसलिए हमें और अधिक मामलों को सुलझाने के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि केसों की संख्या में वृद्धि के साथ वकीलों और जनसंख्या रेशियों में और अधिक अंतर आएगा, इस मामले में बार काउंसिल को आवश्यक कदम उठाने चाहिए.
बता दें कि जस्टिस रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर 2018 को ही देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदभार संभाला है. जस्टिस गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले नार्थ ईस्ट इंडिया के पहले मुख्य न्यायधीश हैं. बतौर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोगोई के सामने कई चुनौतियां होंगी. देश भर में लंबित मुकदमों की संख्या काफी ज्यादा हैं. एक अनुमान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में ही लंबित मुकदमों की संख्या करीब 57 हजार के आसपास हैं.