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एलआईसी की किसी भी शाखा से मिलेगा क्लेम

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ने एक ऐसी प्रणाली को लाने का फैसला किया है जिससे पालिसीधारक कंपनी की 2100 से ज्यादा शाखाओं में से कहीं भी क्लेम के लाभ ले सकेंगे और प्रीमियम का भुगतान कर सकेंगे.

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देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने एक ऐसी प्रणाली को लाने का फैसला किया है जिससे पालिसीधारक कंपनी की 2100 से ज्यादा शाखाओं में से कहीं भी क्लेम के लाभ ले सकेंगे और प्रीमियम का भुगतान कर सकेंगे.

परियोजना के 2011 तक पूरा हो जाने की उम्मीद
एलआईसी के चेयरमैन टी एस विजयन ने कहा प्रीमियम का भुगतान भारत में कहीं से भी किया जा सकता है. यह हम कर चुके हैं. अब हम क्लेम का भुगतान किसी भी शाखा से करने की योजना बना रहे हैं. यह एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि एक बार इंटरनेट पर सभी दस्तावेज उपलब्ध होने के बाद हमारा कोई भी कार्यालय इस काम को कर सकता है. यह इंटरप्राइज डाक्युमेंट मैनेजमेंट सिस्टम (ईडीएमएस) के पूरा होने पर निर्भर करता है. इस परियोजना के 2011 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.

परियोजना की लागत 600 करोड़ रुपये
विजयन ने कहा कि इससे एलआईसी कहीं भी कभी भी सेवा दे सकेगी. यह परियोजना 2007 में शुरू की गई थी. हेवलेट पैकार्ड इस परियोजना की प्रमुख भागीदार है. उन्होंने कहा कि आठ साल के लिए इस परियोजना की लागत 600 करोड़ रुपये है.

एलआईसी के पालिसीधारकों की संख्या 23 करोड़
देशभर में एलआईसी के पालिसीधारकों की संख्या 23 करोड़ है. पालिसीधारकों के रिकार्ड के डिजिटाइज्ड होने के बाद पालिसीधारक के सभी रिकार्ड इलेक्ट्रानिक रूप में सुरक्षित रहेंगे और इनके किसी प्राकृतिक आपदा या अन्य घटनाओं की वजह से नष्ट होने का खतरा नहीं रहेगा.

आंध्र प्रदेश की तरह एक वैकल्पिक चैनल
इसके अलावा एलआईसी प्रीमियम के भुगतान के लिए आंध्र प्रदेश की तरह एक वैकल्पिक चैनल भी शुरू करने की योजना बना रही है. विजयन ने कहा कि कई राज्य सरकारें ई प्रशासन पहल करने जा रही हैं. हम इसका लाभ उठाना चाहते हैं.

ग्राहकों को होगा फायदा
इस पहल के शुरू होने के बाद यदि कोई ग्राहक दो साल बाद भी ऋण के लिए आवेदन करता है तो एक ग्राहक आईडी से सभी पालिसियों के लिए उसकी ऋण लेने की क्षमता के बारे में पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद कुछ मिनट में ही ग्राहक चेक लेकर जा सकता है क्योंकि शाखा के अधिकारियों के पास सभी रिकार्ड और हस्ताक्षर कंप्यूटर पर सामने ही उपलब्ध होंगे.

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