संसद पर हमला मामले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरू की अदालत में पैरवी को लेकर एक गैर-सरकारी संगठन तथा एक वकील में ठन गयी है.
तिहाड़ जेल में अलग अलग भेंट के बाद कमेटी फोर द रिलीज आफ पॉलीटिकल प्रिजनर्स (सीआरपीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष एस ए आर गिलानी और वकील एन डी पंचोली ने दावा किया है कि अफजल ने उन्हें ही अपना मामला देखने को कहा है.
पंचोली ने अपने आप को अफजल का वकील बताते हुए कहा है कि उनके मुवक्किल ने अपनी दया याचिका के शीघ्र निस्तारण के लिए उच्चतम न्यायालय में यह कहते हुए आवेदन दिया है कि जेल में अलग थलग रखना मौत से कहीं ज्यादा बदतर है.
उधर गिलानी ने अफजल द्वारा कथित रूप से लिखे एक पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि पंचोली अफजल के वकील नहीं हैं.