पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कोलकाता में आयोजित प. बंगाल ग्लोबल इकॉनमिक समिट में भूटान के पीएम सहित 25 देशों के डेलीगेट्स का जोरदार स्वागत किया. समिट को संबोधित करते हुए ममता ने राज्य की प्रगति की चर्चा तो की ही साथ ही साथ वो इस मंच से अपनी उपलब्धियां गिनाना भी नहीं भूलीं.
ममता ने गिनाई अपनी उपलब्धियां
ममता ने अपनी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, 'संघीय ढांचे में जब राज्य प्रगति करता है तो देश भी इसी राह पर आगे बढ़ता है. बंगाल ने जीवीए, इंडस्ट्री और खेती में देश की प्रगति को आगे ले जाने का काम किया है. हमारी पर कैपिटा इनकम देश से दोगुनी है. बंगाल का जीवीए 10.5 फीसदी है जबकि देश का जीवीए 7.5 फीसदी. भारत की पर कैपिटा इनकम 6 फीसदी जबकि हमारी 12 फीसदी है. बंगाल के टैक्स कलेक्शन में 200 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. इसके साथ ही पूंजीगत व्यय (पूंजी निर्माण) में 601 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है. बंगाल के खेती और रूरल डेवलपमेंट व्यय में भी 547 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है. बंगाल का योजना व्यय 311 फीसदी जबकि फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर 330 फीसदी बढ़ा है.'
किया पीएम मोदी की योजनाओं का जिक्र
ममता ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'हम एयरलाइन्स को टैक्स फ्री फ्यूल दे रहे हैं, अंदल में नया एयरपोर्ट खुल रहा है. हमारे पास लैंड मैप, लैंड बैंक और लैंड यूज पॉलिसी है. इंडस्ट्री के लिए हमारे पास पांच हजार एकड़ जमीन उपलब्ध है.' ममता ने अपने भाषण में पीएम मोदी की योजनाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'पीएम ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया. इस अभियान के टॉप 4 शहरों में से तीन बंगाल से हैं. इस मामले में हमने ग्रासरूट लेवल पर 153 सीएमओ से बीडीओ तक की मीटिंग की. सीधी बातचीत हमारी सफलता का सूत्र है जबकि, अनेकता में एकता हमारी सफलता का मंत्र.'
दलगत राजनीति से ऊपर दिखीं ममता दीदी
बनर्जी ने बंगाल में किसी भी तरह के सांप्रदायिक तनाव को नकारते हुए कहा कि राज्य में माओवादी हिंसा में कमी आई है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बंगाल की सीएम ने खुद को दलगत राजनीति से ऊपर दिखाने की पूरी कोशिश की जिसमें वो सफल भी रहीं. इस मौके पर जेटली ने भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस समिट के आयोजन के लिए ममता बनर्जी की तारीफ की. जेटली ने कहा, 'यह समिट एक औपचारिक ना होकर मौजूदा ग्लोबल ट्रेंड के अंतर्गत काफी महत्वपूर्ण है. ऐसी समिट के जरिए बंगाल सरकार की नई नीतियों में निवेशकों का भरोसा बढ़ता है.' बंगाल में अगले कुछ महीनों में होने वाले चुनावों को देखते हुए ये देखना दिलचस्प होगा कि इस मंच से दिए गए भाषणों का आम जनता पर कितना असर होता है और ममता दीदी को इसका कितना फायदा मिलता है.