रविवार को शपथ ग्रहण के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जो विवादित बयान दिया था, उस पर सोमवार को लोकसभा में भी खूब हंगामा हुआ. केंद्र सरकार और बीजेपी ने बयान से किनारा कर लिया. लेकिन मुफ्ती अपने बयान पर अब भी कायम हैं. खास बात यह है कि इस मसले पर उन्हें अपनी सांसद बेटी महबूबा का भी साथ मिल गया है.
मुफ्ती ने सोमवार को कहा, 'मैंने कुछ गलत नहीं कहा और बेवजह ही तिल का ताड़ बनाया जा रहा है.' अनंतनाग से सांसद और उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती का भी कहना है कि उनके पिता ने कुछ गलत नहीं कहा. रविवार को शपथ ग्रहण के बाद मुफ्ती ने हुर्रियत, आतंकवादी संगठनों और सीमा पार के लोगों ने विधानसभा चुनावों के लिए बेहतर माहौल बनाने का श्रेय दिया था. उन्होंने कहा था, ‘मैं ऑन रिकॉर्ड कहना चाहता हूं और मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए हमें हुर्रियत और आतंकवादी संगठनों को श्रेय देना चाहिए.’ मुफ्ती के इस बयान के बाद विवाद पैदा हो गया था.
सोमवार को इस बयान पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री से बयान की मांग करते हुए सदन से वॉक आउट किया. गृहमंत्री समेत कई बीजेपी नेताओं ने मुफ्ती के बयान पर सफाई पेश की. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी का मुफ्ती के इस बयान से कोई लेना-देना नहीं है.
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा 'हमारी सरकार और बीजेपी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के उस बयान से खुद को पूरी तरह अलग करती है, जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनावों के निर्विघ्न रूप से संपन्न होने का श्रेय पाकिस्तान और हुर्रियत को दिया है. मैं यह बयान प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करके और उनकी सहमति के बाद दे रहा हूं.' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा चुनाव कराने का श्रेय चुनाव आयोग, सेना, अर्धसैनिक बलों और राज्यों के लोगों को जाता है.
राजनाथ और उनकी पार्टी के नेता कुछ भी सफाई देते रहें, लेकिन मुफ्ती ने अपने बयान पर अडिग रहकर साफ कर दिया है कि आगे उनकी रणनीति क्या रहने वाली है.