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कोयला विधेयक पर बनी बात, सेलेक्ट कमेटी के पास जाएगा विधेयक

राज्यसभा ने खान एवं खनिज अधिनियम और कोयला विधेयक में संशोधन के लिए उसे राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का निर्णय लिया है. राज्यसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ था, क्योंकि विपक्ष चाहता था कि सरकार विधेयकों को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे, वहीं सरकार चाहती थी कि विधयेक सदन से पारित हो जाएं.

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संसद
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राज्यसभा ने खान एवं खनिज अधिनियम और कोयला विधेयक में संशोधन के लिए उसे राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का निर्णय लिया है. राज्यसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ था, क्योंकि विपक्ष चाहता था कि सरकार विधेयकों को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे, वहीं सरकार चाहती थी कि विधयेक सदन से पारित हो जाएं.

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वहीं बुधवार को सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं में सामंजस्य देखने को मिला और सरकार ने समर्थन देने के लिए विपक्ष का धन्यवाद किया. राज्यसभा में मंगलवार को दोनों ही पक्षों ने नियमों का हवाला देते हुए विधेयकों के संबंध में कई तर्क दिए थे और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई थी. इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन ने निर्णय लिया कि सभी नेताओं की एक बैठक बुलानी चाहिए और इसके बाद मामले का हल निकाला गया.

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को सदन को बताया कि एक प्रवर समिति बनाने पर सहमति बनी है. सहमति बनाने पर दोनों पक्षों के सदस्य एक-दूसरे को बधाई देते हुए देखे गए. राज्यसभा के उपसभापति ने भी सहमति बनाने के लिए सदस्यों का धन्यवाद किया. कुरियन ने सदस्यों ने कहा, 'इस तरह की सहमति और समझौते के लिए आप सभी का शुक्रिया. यह एक अच्छा संकेत है. नायडू ने इसका श्रेय विपक्ष को दिया.राज्यसभा ने खान एवं खनिज अधिनियम और कोयला विधेयक में संशोधन के लिए उसे राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का निर्णय लिया है.

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राज्यसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ था, क्योंकि विपक्ष चाहता था कि सरकार विधेयकों को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे, वहीं सरकार चाहती थी कि विधयेक सदन से पारित हो जाएं. वहीं बुधवार को सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं में सामंजस्य देखने को मिला और सरकार ने समर्थन देने के लिए विपक्ष का धन्यवाद किया. राज्यसभा में मंगलवार को दोनों ही पक्षों ने नियमों का हवाला देते हुए विधेयकों के संबंध में कई तर्क दिए थे और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई थी. इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन ने निर्णय लिया कि सभी नेताओं की एक बैठक बुलानी चाहिए और इसके बाद मामले का हल निकाला गया.

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को सदन को बताया कि एक प्रवर समिति बनाने पर सहमति बनी है. सहमति बनाने पर दोनों पक्षों के सदस्य एक-दूसरे को बधाई देते हुए देखे गए. राज्यसभा के उपसभापति ने भी सहमति बनाने के लिए सदस्यों का धन्यवाद किया. कुरियन ने सदस्यों ने कहा, 'इस तरह की सहमति और समझौते के लिए आप सभी का शुक्रिया. यह एक अच्छा संकेत है. नायडू ने इसका श्रेय विपक्ष को दिया.

नायडू ने कहा, 'यह शरद यादव जी द्वारा की गई पहल, और सभी पार्टियों, नेता प्रतिपक्ष और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए समर्थन के कारण मुमकिन हुआ है.' संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, 'मैं मानता हूं कि राजनीतिक प्रणाली में विचार भिन्न होते हैं, लेकिन अंतत: सदन की कार्यवाही चलनी चाहिए, बहस होनी चाहिए और उसके बाद फैसला लेना चाहिए. हम सभी इसी बात का अनुसरण करने के लिए निष्कर्ष पर पहुंचे हैं. मैं सभी सदस्यों का आभारी हूं. सेलेक्ट कमेटी को 18 मार्च से पहले दोनों विधयकों पर अपनी रपट सदन में पेश करनी है.

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नायडू ने कहा, 'यह शरद यादव जी द्वारा की गई पहल, और सभी पार्टियों, नेता प्रतिपक्ष और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए समर्थन के कारण मुमकिन हुआ है.' संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, 'मैं मानता हूं कि राजनीतिक प्रणाली में विचार भिन्न होते हैं, लेकिन अंतत: सदन की कार्यवाही चलनी चाहिए, बहस होनी चाहिए और उसके बाद फैसला लेना चाहिए. हम सभी इसी बात का अनुसरण करने के लिए निष्कर्ष पर पहुंचे हैं. मैं सभी सदस्यों का आभारी हूं. सेलेक्ट कमेटी को 18 मार्च से पहले दोनों विधयकों पर अपनी रपट सदन में पेश करनी है.

इनपुट-IANS

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