कोयला घोटाले पर सरकार की मुश्किल बढ़ती जा रही है. अब खबर आ रही है कि सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में बदलाव किए गए थे.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि ये बदलाव दो स्तर पर किए गए. पहले कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने बदलाव किया फिर पीएमओ और कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने सीबीआई के साथ मिलकर फेरबदल किया.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि जांच रिपोर्ट में कहां-कहां बदलाव हुए थे. सीबीआई ने बंद लिफाफे में मूल और संशोधित दोनों रिपोर्ट दी थी. 6 मार्च को सीबीआई ने पहली स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी और 26 अप्रैल को सीबीआई प्रमुख के हलफनामे के साथ अदालत को दूसरी स्टैटस रिपोर्ट दी गई. सुप्रीम कोर्ट 30 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई करेगा.
सीबीआई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि उसने कोयला ब्लॉक आवंटन पर आठ मार्च की स्थिति रपट केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अश्विनी कुमार तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ नौकरशाह के साथ साझा की थी लेकिन 26 अप्रैल की स्थिति रिपोर्ट उसने किसी से भी साझा नहीं की.
सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने सर्वोच्च न्यायालय में शुक्रवार को दायर हलफनामे में कहा था कि मैंने आठ मार्च की स्थिति रिपोर्ट केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री से साझा की थी, क्योंकि वह चाहते थे कि न्यायालय में पेश किए जाने से पहले उन्हें इस बारे में जानकारी दी जाए. हलफनामे में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री के अतिरिक्त इसे प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी के साथ भी साझा किया गया.
सीबीआई के निदेशक ने यह बात 12 मार्च के सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के जवाब में कही थी, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या 8 मार्च की स्थिति रिपोर्ट का परीक्षण उन्होंने ठीक ढंग से किया था और क्या इसके तथ्यों को राजनीतिक कार्यकारी से साझा किया गया था?
सीबीआई के निदेशक ने हलफनामे में कहा है कि जांच एजेंसी की 26 अप्रैल की स्थिति रिपोर्ट का परीक्षण उन्होंने स्वयं किया है और इसे राजनीतिक कार्यकारी सहित किसी के भी साथ साझा नहीं किया गया है.