कोयला ब्लॉक आवंटन में घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत ने पूर्व कोयला सचिव और पांच अन्य को बतौर आरोपी समन जारी किया है. पश्चिम बंगाल में कोयला ब्लाकों के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारी समेत पांच अन्य को तलब किया है.
विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने गुप्ता के अलावा के एस क्रोफा और केसी समारिया, मेर्सस विकास मेटल एंड पावर लिमिटेड (वीएमपीएल), उसके प्रबंध निदेशक विकास पतनी व उनकी ओर से अधिकृत हस्ताक्षर करने वाला आनंद मल्लिक को बतौर आरोपी तलब किया है. अदालत ने आईपीसी की धारा 120-बी, 409, 420 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत आरोपियों को तीन मार्च को तलब किया है. मामले के समय क्रोफा कोयला मंत्रालय में तत्कालीन संयुक्त सचिव और समारिया तत्कालीन निदेशक सीए-1 थे.
कोर्ट ने रिपोर्ट स्वीकार करने से किया था मना
गौरतलब है कि अदालत ने 2014 में सीबीआई के मामले को बंद करने की रिपोर्ट स्वीकार करने से मना कर दिया था और उससे इस प्रकरण की आगे जांच करने को कहा था. वीएमपीएल को पश्चिम बंगाल के रानीगंज इलाके में मोइरा और मधुजोरे (उत्तरी एवं दक्षिण) कोयला बलॉक आवंटित किए गए थे. इससे पहले, मामले में अदालत ने कहा था कि कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने इन मामलों में मनमाने तरीके से काम किया जो यह बताता है कि उन्होंने न केवल अपने पदों का दुरुपयोग किया, बल्कि जनहित के खिलाफ भी काम किया.