केंद्र की मनमोहन सरकार के लिए आज मुश्किल भर दिन है. कोयला घोटाले पर सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप और छेड़छाड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होगी. अगर कोर्ट ने कानून मंत्री अश्विनी कुमार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. वैसे भी विपक्ष कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है और ऐसे में कोर्ट का फैसला उन्हें बैकफुट पर धकेल सकता है.
इससे पहले कोयला घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट पर सीबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दूसरा हलफनामा दायर कर रिपोर्ट में बदलाव करने की बात मानी थी. सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि कानून मंत्री और पीएमओ के अधिकारियों के कहने पर ड्राफ्ट रिपार्ट में बदलाव किए गए. सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में 9 पन्नों का एफिडेविट दायर किया था.
सीबीआई ने माना था कि सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दिखाए जाने से पहले कानून मंत्री और पीएमओ ने रिपोर्ट देखी थी और उसमें बदलाव भी करवाए थे. इसी के साथ सीबीआई ने रिपोर्ट साझा करने पर सुप्रीम कोर्ट से माफी भी मांगी थी. अब सुप्रीम कोर्ट आज पूरे मामले पर सुनवाई करेगा.
सीबीआई के हलफनामे के मुताबिक कोयला घोटाले पर स्टेटस रिपोर्ट को लेकर तीन बैठकें हुईं थीं. पहली बैठक कानून मंत्री अश्विनी कुमार के दफ्तर में, दूसरी अटॉर्नी जनरल, जबकि तीसरी बैठक सीबीआई के दफ्तर में हुई. बैठक में अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती और एडिशनल सॉलीसिटर जनरल हरिन पी रावल भी मौजूद थे, लेकिन दोनों ने बदलाव के लिए कुछ नहीं कहा था.
उधर, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अटॉर्नी जनरल वाहनवती पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया था. प्रशांत भूषण के मुताबिक वाहनवती ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने स्टेटस रिपोर्ट नहीं देखी है, जबकि रिपोर्ट पर हुई बैठकों में वो शामिल थे.