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कोयला घोटाला: CBI ने कोर्ट में कहा, कोयला ब्लॉक पाने के लिए JIPL ने झूठ बोला

सीबीआई ने सोमवार को कहा कि कोयला घोटाला मामले में आरोपी झारखंड इस्पात प्राइवेट लि. (जेआईपीएल) और उसके अधिकारियों ने झारखंड में नार्थ धादू कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए तथ्यों को कथित तौर पर गलत तरीके से पेश किया.

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सीबीआई ने सोमवार को कहा कि कोयला घोटाला मामले में आरोपी झारखंड इस्पात प्राइवेट लि. (जेआईपीएल) और उसके अधिकारियों ने झारखंड में नार्थ धादू कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए तथ्यों को कथित तौर पर गलत तरीके से पेश किया.

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सीबीआई ने आरोपी कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े मामले में जेआईपीएल, उसके दो निदेशकों आर.एस. रुंगटा तथा आर.सी. रुंगटा व अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किये हैं. हालांकि आरोपी ने सोमवार को अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाते हुए दलील दी कि इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कोई अपराध दंडनीय नहीं है और मामले की सुनवाई मजिस्ट्रेट अदालत में होनी चाहिए.

वरिष्ठ सरकारी वकील ए.पी. सिंह ने मामले में आरोप तय किये जाने के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि जेआईपीएल ने कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए फरवरी 2004 के अपने आवेदन में गलत सूचना दी और बढ़ा-चढ़ाकर दावे दिखाए. उनकी इस दलील के दौरान ही अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठा.

वकील ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर के समक्ष कहा, ‘आरोपी ने फॉर्म में तीन भट्ठे होने की बात कही थी, लेकिन जांच में पता चला कि वे दो ही थे.’ एजेंसी के अनुसार कंपनी ने जमीन के बारे में भी गलत जानकारी दी.

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कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रमेश गुप्त ने अधिकार क्षेत्र का मामला उठाते हुए कहा, ‘अदालत ने केवल आईपीसी के तहत ही मामले का संज्ञान लिया न कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत. ऐसे में इस मामले की सुनवाई मजिस्ट्रेट अदालत की जा सकती है.’ आरोप तय करने को लेकर दलीलें अभी पूरी नहीं हो पायी हैं और 18 फरवरी को दोनों पक्ष अपनी बातें रखेंगे.

- इनपुट भाषा से

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