scorecardresearch
 

समुद्री सीमा से होने वाली घुसपैठ पर लाइव निगरानी रखेगी सरकार

मुंबई पर 26/11 हमले के 6 साल बाद समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा कदम उठाया है. पहली बार समुद्री सीमा से होने वाली घुसपैठ पर लाइव निगरानी रखने के लिए नौसेना ने सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र बनाया है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को गुडगांव में इस सेंटर को नौसेना में शामिल किया.

Advertisement
X
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर

मुंबई पर 26/11 हमले के 6 साल बाद समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा कदम उठाया है. पहली बार समुद्री सीमा से होने वाली घुसपैठ पर लाइव निगरानी रखने के लिए नौसेना ने सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र बनाया है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को गुडगांव में इस सेंटर को नौसेना में शामिल किया.

Advertisement

26/11 के हमले के बाद नौसेना और कोस्ट गार्ड के बीच तालमेल बढ़ाया गया है. नौसेना के इस नए सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र में आधुनिक संचार प्रणाली लगी हुई है. इसके साथ ही नौसेना, कोस्ट गार्ड, मरीन पुलिस और कस्टम को मिलाकर एक जॉइंट ऑपरेशन सेंटर बनाया है. यहां पर बड़े-बड़े मॉनि‍टर लगाए गए हैं. पूरी समुद्री सीमा का डाटा बेस एक साथ जोड़ा गया है.

रक्षा मंत्री पर्रिकर ने इस नए सेंटर का उद्घाटन किया. हालांकि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रि‍कर ने माना कि कारवार और मैंगलोर के बीच में समुद्री सीमा में निगरानी में कुछ कमियां अभी बाकी हैं, जबकि 2 लाख से ज्यादा मछुवारे अब भी इस नेटवर्क का हिस्सा नहीं हैं.

इस नए सेंटर से नेवी, कोस्ट गार्ड और मरीन पुलिस खोजी अभियान लगातार चलाती रहती है. इसी तरह समुद्री सीमा पर लाइव नजर रखने के लिए कोस्ट गार्ड और नेवी ने बंगाल की खाड़ी से लेकर गुजरात कोस्ट तक दर्जनों शक्तिशाली रडार स्टेशन बनाए हैं. इन रडार की मदद से समुद्र में होने वाली हर गतिबिधि पर नजर रखी जा रही है.

Advertisement

7,500 किलोमीटर में फैले देश के समुद्री तट में 24 किलोमीटर तक निगरानी की जिम्मेदारी कोस्ट गार्ड की है. 400 किलोमीटर तक निगरानी की जिम्मेदारी नेवी के पास है. मुंबई पर 26/11 का हमला भी इसी तरह की मछुआरों की एक बोट से हुआ था.

Advertisement
Advertisement