अक्सर ऐसा होता है कि हमें सर्जन पर तो भरोसा होता है, लेकिन अस्पताल की सुविधाओं पर नहीं. कई बार ऐसा भी होता है कि आप पैसों की वजह से बड़े अस्पताल में इलाज नहीं करा सकते. लेकिन छोटे अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों पर भरोसा नहीं होता. ऐसे में मरीज और उसके परिजन क्या करे?
मरीजों की इस परेशानी का हल कोयंबटूर में खुली सिगमा मेडी सेंटर के पास है. यह अस्पताल मरीजों को अपने विश्वस्नीय सर्जनों को अस्पताल बुलाकर अपना इलाज करने की सुविधा देता है. एनेस्थीसिया एक्सपर्ट डॉ. सेलवराज ने इसकी पहल की है.
डॉक्टरों का कहना है कि देश के कई हिस्सों में छोटे नर्सिंग होम में ये सुविधा दी जा रही है. लेकिन लोगों के बीच अब जागरुकता फैली है. इससे शहरों में छोटे और मीडियम बजट वाले अस्पताओं को संचालन में मदद मिल रही है. मदद मिलती है.
इस सुविधा के फायदों पर गयनाकॉलोजॉसिट डॉ. उमा का कहना है, 'मेरा खुद का क्लीनिक है. लेकिन मेरे मरीज, जो दूसरे शहर में या मेरी क्लीनिक से काफी दूर रहते हैं, मैं उनका उनके नजदीकी अस्पताल में इलाज कर सकती हूं.'
इस सुविधा के अंतर्गत अस्पताल बाहर से आए सर्जन को अपना ऑपरेशन थियेटर देता है. मरीज सर्जन को उसकी फीस और अस्पताल को कमरे, उपकरण और दवाइयों के पैसे देते हैं.