मुंबई में एक कॉलेज के प्रिंसिपल की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है. ये कोई बड़ी बात नहीं, चुनाव में अध्यापकों और प्रिंसिपलों की ड्यूटी लगाई जाती है. लेकिन खबर ये है कि प्रिंसिपल साहब को चुनाव ड्यूटी में चपरासी का काम दिया गया है. यही नहीं शहर के कई अन्य कॉलेजों के टीचर्स की ड्यूटी भी चपरासी के तौर पर लगाई गई है. एक अंग्रेजी अखबार ने अपने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है.
विले पार्ले के एम.एल दहानुकर कॉलेज की प्रिंसिपल माधवी पेठे को चपरासी की ड्यूटी पर तैनात किया गया है. इस बात का खुलासा कॉलेज को तीन-चार दिन पहले मिली चिट्ठी से हुआ है. चुनाव अधिकारी की ओर से भेजी गई चिट्ठी में उसी कॉलेज और कुछ अन्य कॉलेज के अध्यापकों को भी चपरासी की ड्यूटी पर तैनात किया गया है.
हालांकि चुनाव आयोग ने प्रिंसिपल के मामले में अपनी गलती को सुधारते हुए उन्हें उनके ही कॉलेज में बने पोलिंग बूथ का इन-चार्ज बना दिया गया है. लेकिन अध्यापकों की चुनाव ड्यूटी में अभी बदलाव नहीं किया गया है और कहा जा रहा है कि जल्द ही इसे भी ठीक कर लिया जाएगा.
आमतौर पर चुनाव आयोग कर्मचारियों के ग्रेड के आधार पर उन्हें चुनाव ड्यूटी देता है. अध्यापकों को चुनाव में नोडल ऑफिसर, चुनाव अधिकारी आदि का काम दिया जाता है जबकि नॉन टीचिंग स्टाफ को कलर्क, चपरासी आदि का काम दिया जाता है.