उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ को पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश करने के फैसले पर पुनर्विचार के लिये शुक्रवार को कोलेजियम की अहम बैठक हुई. सरकार ने 26 अप्रैल को न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम पर पुन: विचार के लिये उनकी फाइल लौटा दी थी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोलेजियम के सभी सदस्य- न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने हिस्सा लिया. यह बैठक करीब एक घंटे चली.
सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक कोलेजियम ने सैद्धांतिक रूप से तो ये तय किया है कि जस्टिस के एम जोसेफ का नाम केंद्र के पास फिर से भेजा जाएगा. लेकिन अबकी बार तीन अन्य उच्च न्यायालयों के चीफ जस्टिस भी फेहरिस्त में जस्टिस जोसफ के आगे-पीछे होंगे. इनमें कलकत्ता, राजस्थान और आंध्र प्रदेश-तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम भी भेजे जाएंगे.
इन जजों के नामों पर विस्तार से कोलेजियम अब 16 मई को विचार करेगा. यानी तब तक के एम जोसेफ का नाम केंद्र के पास नहीं जा जाएगा. इसका मतलब जस्टिस जोसफ को सुप्रीम कोर्ट आने में कुछ और देरी होगी. उत्तराखण्ड हाईकार्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश को केंद्र सरकार ने वापस भेज दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को अपनी सिफारिशों के लौटाने को लेकर भारी आपत्ति और नाराज़गी है.
इस महीने की शुरुआत यानी दो मई को कोलेजियम बैठक में जस्टिस जोसफ को सुप्रीम कोर्ट आने का टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया था. कोलेजियम ने तय किया कि जस्टिस के एम जोसेफ के साथ आंध्र-तेलंगाना हाईकोर्ट, कलकत्ता और राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी सुप्रीम कोर्ट में फेयर रिप्रेजेंटेशन के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की जाएगी. इस पर शुक्रवार यानी 11 मई की बैठक में फैसला होना था लेकिन यह फिर टल गया था.
दो मई के बाद उत्तराखण्ड हाईकार्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसफ को सुप्रीम कोर्ट में लाये जाने को लेकर जस्टिस चेलमेश्वर ने एक और चिठ्ठी चीफ जस्टिस को लिखी है. चिट्ठी में जस्टिस चेलमेश्वर ने जस्टिस जोसफ पर सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिशों पर अमल की राह में आ रहे नियमों के रोड़े का ज़िक्र करने वाले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की चिट्ठी के हर बिंदु का जवाब दिया है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की दलीलों को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस के नाम लिखे पत्र में जस्टिस चेलमेश्वर फिर ज़ोर दिया है कि कोलेजियम अपनी सिफारिश पर कायम रहते हुए दोबारा जस्टिस जोसफ का नाम सरकार को जल्दी भेजे.
बता दें कि कोलेजियम ने 10 जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ और इंदु मल्होत्रा के नामों की सिफारिश की थी. सरकार ने प्रधान न्यायाधीश को भेजे पत्र में लिखा था कि न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम का प्रस्ताव शीर्ष अदालत के मानदंडों के अनुरूप नहीं था और पहले से ही उच्चतर न्यायपालिका में केरल को पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्राप्त है.
सरकार ने न्यायाधीश के रूप में शीर्ष अदालत में पदोन्नति के मामले में न्यायमूर्ति जोसेफ की वरिष्ठता पर भी सवाल उठाया था.