जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों के साथ चली मुठभेड़ में आतंकियों का सामना करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए सेना के कर्नल एमएम राय हमेशा अपनी पूरी टीम में भी जोश भरते थे. 27 जनवरी को भी उनके व्हाट्स एप्प स्टेटस मैसेज में लिखा था, 'जिंदगी में बड़ी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार कि परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहे.' उनका ये संदेश सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर हो रहा है.
उनके व्हाट्स एप्प स्टेटस मैसेज से उनका जीवन के प्रति आदर्श पता चलता है. उनके साथ शहीद हुए पुलिसकर्मी के व्हाट्स एप्प स्टेटस में लिखा था, 'ये मेरी ड्यूटी है कि मैं दुश्मनों को मार गिराऊं और मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है. अफसोस उनके लिए है, जिन्हें मैं बचा नहीं पाया.'
27 जनवरी को मुठभेड़ में राय के अलावा एक कांस्टेबल भी शहीद हुआ. सेना के जवानों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया. उत्तर प्रदेश सरकार ने राय के परिवार लिए 30 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है.
आपको बता दें, 42 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल एमएम राय को इसी रिपब्लिक डे पर वीरता पुरस्कार से नवाजा गया था. मुठभेड़ पुलवामा जिले में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ हुई. मुठभेड़ में एक सैनिक भी घायल हो गया. सेना के प्रवक्ता ने बताया कि कर्नल राय को आतंकवादियों के विरुद्ध अभियान की योजना तैयार करने एवं उसे अंजाम देने को लेकर इसी गणतंत्र दिवस पर युद्ध सेवा पदक से पुरस्कृत किया गया था. पिछले साल दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उन्होंने भूमिका निभाई थी.
कर्नल राय उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले थे. वह नौ गोरखा राइफल्स से थे लेकिन राष्ट्रीय राइफल्स में प्रतिनियुक्ति पर थे. उनके परिवार में दो बेटियां और एक बेटा है. दरसअल, पुलिस को ऐसी खबर मिली थी कि एक स्थानीय हिजबुल आतंकवादी अपने अन्य साथियों के साथ आया है. पुलिस ने राष्ट्रीय राइफल्स की मदद से तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके बाद आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई.
पुलिस के मुताबिक, मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की पहचान मिंडोरा निवासी आदिल खान और शिराज डार के रूप में हुई है.