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मैंने किसी के खिलाफ नहीं बोला: नीतीश कुमार

दिल्ली में हाल ही में आयोजित जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपने संबोधन के बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने बिहार के काम, यहां के गठबंधन, और अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व तथा उनकी सोच की प्रशंसा की जो कि किसी के खिलाफ नहीं था.

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दिल्ली में हाल ही में आयोजित जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपने संबोधन के बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने बिहार के काम, यहां के गठबंधन, और अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व तथा उनकी सोच की प्रशंसा की जो कि किसी के खिलाफ नहीं था.

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दिल्ली में हाल ही आयोजित जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपने संबोधन के कारण बीजेपी और जदयू के बीच जारी बयानबाजी और टकराव की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार के काम, यहां के गठबंधन, और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व तथा उनकी सोच की प्रशंसा की जो कि किसी के खिलाफ तो था नहीं.

नीतीश ने कहा कि हमने तो अपने गठबंधन और राज्य की प्रशंसा की, किसी की शिकायत नहीं की. नीतीश ने कहा कि वह किसी के खिलाफ बोलते नहीं पर अपनी पार्टी के बुनियादी सिद्धांत- समाज में समरसता एवं बदलाव के लिए बोलेंगे. बिहार पीछे रह गया है तो हम चाहेंगे कि जो पिछडे इलाके हैं उनको भी आगे बढाया जाए. नीतीश ने कहा कि यह हमारे सिद्धांत का प्रश्न है और उससे समझौता किए बिना वह अपना काम करते रहेंगे और चाहेंगे कि सभी मिल जुलकर चलें.

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उन्होंने कहा कि उनके बारे में इतनी सारी भ्रांतियां फैल जाती हैं और फैलायी जाती हैं पर वह यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं उनका कोई स्वार्थ, ख्वाब और ख्वाहिश नहीं है. नीतीश ने कहा कि एमएलए, एमपी, केंद्र में मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री बन गए इसलिए अपनी कोई निजी तमन्ना नहीं है. उनकी एक ही तमन्ना है कि जनता ने उन्हें जो अवसर दिया है, तो सचमुच बिहार को वहां पहुंचा दें जहां से उसे पीछे खींचकर लाना संभव नहीं हो सके.

नीतीश ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा पाने का हमारा जो अधिकार है उसे हासिल करने के लिए अनवरत प्रत्यनशील रहना है और इसके लिए 2014 का जो चुनाव है, उसका पूरे तौर पर उपयोग करना है. केंद्र सरकार द्वारा हाल में बिहार को 12000 करोड रूपये की सहायता को विशेष पैकेज बताए जाने का खंडन करते हुए नीतीश ने कहा कि यह बिहार पुनर्गठन विधेयक में प्रावधान है कि उसे अतिरिक्त सहायता मिलेगी.

उन्होंने कहा कि केंद्र में जब अटल बिहारी सरकार थी तो उस समय बिहार को अतिरिक्त सहायता मिली थी पर उसके बाद केंद्र में जो सरकार सत्ता में आयी वह इसको नजरअंदाज कर रही थी जिसे हमें उसे कई बार याद दिलाना पडा था, वह इसे बंद नहीं कर सकते. नीतीश ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह कोई विशेष ध्यान वाला अध्याय नहीं खुला है.

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उन्होंने केंद्र पर इस विषय में एक वातावरण और झूठा माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बेकार का लोगों के बीच एक संदेश गया कि बिना कुछ किए हम दे रहें हैं. अगले लोकसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर राजग के घटक दल भाजपा और जदयू के बीच जारी खींचतान और तकरार की चर्चा किए बिना उसकी ओर इशारा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बहुत लोगों को लगता है जो खटपट चल रहा है उसके चलते केंद्र से यह राशि मिली है.

उन्होंने कहा कि बिहार में आए बदलाव से यहां एक उत्साह का वातावरण बना है. एक समय था जब लोगों ने मान लिया था कि अब यहां कुछ होना नहीं है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से लोगों के मन में इसबात का एहसास हुआ है कि बिहार में भी कुछ हो सकता है.

समारोह को संबोधित करते हुए बिहार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह द्वारा जदयू को छोटा दल बताए जाने और नीतीश को प्रधानमंत्री के रूप में केंद्र में सत्तासीन होने के बजाए बिहार की ओर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिए जाने पर नीतीश ने कहा कि कोई दल कितना बड़ा है या वह चुनाव में कितना वोट प्रतिशत प्राप्त करता है, वह मतलब नहीं रखता बल्कि उसका विचार कैसा है वह अहमियत रखता है.

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सिंह ने जदयू को एक छोटा दल बताते हुए कहा था कि ऐसे में अगर नीतीश प्रधानमंत्री बन भी गए तो उनकी सरकार जो कि दूसरे बडे दलों के समर्थन पर टिकी होगी, अस्थिरता का संकट बना रहेगा. नीतीश ने कहा कि इसलिए दल के छोटा होने से घबराने की जरूरत नहीं है. वैसे तो हम कई राज्यों में हैं पर बिहार में ज्यादा सक्रिय हैं.

डुमराव कृषि महाविद्यालय का नाम बाबू वीर कुंवर सिंह के नाम पर रखे जाने की घोषणा करते हुए नीतीश ने कहा कि दिल्ली वाले बाबू वीर कुंवर सिंह को इतिहास में स्थान दे या न दें पर हमलोग बिहार में उन्हें स्थान देंगे. अपने विरोधी लालू प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए नीतीश ने कहा कि कोई आदमी जब बेरोजगार हो जाता है तो उसकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए. वह तो रोजगार की तलाश में घूम रहा है और उम्मीद करता है कि हम बोले तो उसका जवाब वह दे और मीडिया के लोग उसका प्रसारण कर देवें.

उन्होंने कहा कि बड़े मुश्किल से बिहार में बदलाव आया है इसे कुछ लोग फिर बदलने के चक्कर में लगे हैं. नीतीश ने लालू पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब जनता ने मौका दिया तो चादर तान के सो गए. आडंबर में रहे कि सत्ता जाएगी नहीं, अब चली गयी तो दोबारा कैसे लौटेगी, इसके जुगत और जुगाड में लगे हैं जो कि अब संभव नहीं है.

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