मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन को फांसी की सजा दिए जाने को लेकर देश की जानी-मानी शख्सियतों ने अपनी राय दी है. याकूब मेमन की दया याचिका फिलहाल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास पेंडिंग है.
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी
'याकूब मेमन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद निराशाजनक है. मैं फैसले से निराश हूं और असहमति के साथ जजमेंट का सम्मान करता हूं.'
कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको
'सबसे बड़ी अदालत के फैसले पर किसी पार्टी को बोलने की जरूरत नहीं है. अदालत का फैसला सबको मानना ही होता है. भारत लोकतांत्रिक देश है, अगर कुछ लोगों ने राष्ट्रपति के पास अर्जी दी, तो यह उनका व्यक्तिगत मामला है.'
समाजसेवी कविता कृष्णन
'मुझे लगता है कि अभी भी आशा टूटी नहीं है. राष्ट्रपति के पास दया याचिका पेंडिंग है.'
शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल
'कांग्रेस के जिन 7 विधायकों ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर दस्तखत किए, उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. वे सभी राष्ट्रविरोधी हैं, क्योंकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए.'
प. बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी
'पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने हाल में इस महीने की शुरुआत में मृत्युदंड पर अपना विरोध जताया था. मेरा सुझाव है कि यह याकूब मेमन को जिंदगी बख्शना कलाम की मानवीय वसीयत को उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी.'