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कॉमर्स: सर्वश्रेष्ठ कॉलेज है श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स

हर साल हजारों विद्यार्थी दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) के प्रतिष्ठित परिसर में कदम रखते हैं, यहां प्रवेश पाने का सपना अपनी आंखों में लिए, लेकिन यहां आते ही एक भय उन्हें जकड़ लेता है.

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हर साल हजारों विद्यार्थी दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) के प्रतिष्ठित परिसर में कदम रखते हैं, यहां प्रवेश पाने का सपना अपनी आंखों में लिए, लेकिन यहां आते ही एक भय उन्हें जकड़ लेता है. यह घबराहट बेवजह नहीं है. एसआरसीसी, जो एक बार फिर आला कॉलेजों की सूची में कॉमर्स के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज के रूप में उभरा है, अपने प्रतिद्वंद्वियों से पहले से ही कई कदम आगे है.

टॉप 3 में कोलकाता का सेंट जेवियर कॉलेज
कॉमर्स के आला कॉलेजों की सूची में गत वर्ष चोटी के तीन स्थानों पर काबिज कॉलेज इस बार भी पहले तीन स्थानों पर ही डटे हुए हैं. अंतर है तो बस इतना कि इस वर्ष दूसरे स्थान पर मौजूद कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज और तीसरे स्थान पर आए चेन्नै के लोयोला कॉलेज के क्रम में अदलाबदली हो गई है.

टॉप 10 में दिल्ली का हंसराज कॉलेज
इस साल उल्लेखनीय बढ़त हासिल करने वालों में हैं दिल्ली का हंसराज कॉलेज, जो 14वें स्थान से 9वें स्थान पर आ गया है और मुंबई का नरसी मोनजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स ऐंड इकोनॉमिक्स, जो 2008 की सूची में 11वें स्थान पर था और इस वर्ष 10वां स्थान प्राप्त कर आला दस में शामिल हो चुका है. चेन्नै के दो कॉलेजों के क्रम में भारी गिरावट देखने को मिली है, प्रेसिडेंसी कॉलेज सातवें स्थान से पंद्रहवें पर पहुंच गया है तो मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज आठवें स्थान से फिसलकर चौदहवें स्थान पर पहुंच गया है.

नीचे फिसला हैदराबाद का निजाम कॉलेज
इस वर्ष की सूची में दिल्ली के रामजस कॉलेज, पुणे के नेस वाडिया कॉलेज और दिल्ली के ही गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स ने क्रमशः 18वें, 19वें और 26वें स्थान पर प्रवेश किया है जबकि दिल्ली के जीसस ऐंड मेरी कॉलेज ने 40वें स्थान से 21वें स्थान पर और चेन्नै के क्वींस मेरी कॉलेज ने 50वें से 35वें स्थान पर छलांग लगाई है. सूची में अपने स्थान से उल्लेखनीय रूप से फिसलने वाले कॉलेजों में शामिल है हैदराबाद का निजाम कॉलेज, जो 23वें स्थान से 42वें स्थान पर पहुंच गया है.

एसआरसीसी में 551 छात्र प्रवेश पाने में होते हैं सफल
एसआरसीसी की बात करें तो हर साल 10,000 से ज्‍यादा विद्यार्थी देश भर से यहां प्रवेश पाने की कोशिश करते हैं लेकिन सफल होते हैं महज 551. इस आला कॉलेज के जहीन विद्यार्थी मैकिन्से, बेन और डेलॉइटे जैसे कुछ चोटी के नियोक्ताओं को आकर्षित करते हैं जिन्हें सात से दस लाख रु. प्रतिवर्ष तक के पैकेज की पेशकश की जाती है, जो द्वितीय श्रेणी के बी-स्कूलों के विद्यार्थियों को मिलने वाले पैकेज के लगभग बराबर ही है.{mospagebreak}सालों से एसआरसीसी ने अकादमिक और इतर गतिविधियों में संतुलन बना रखा है. कॉलेज के प्राचार्य पी.सी. जैन कहते हैं, ''कंपनियां सर्वाधिक वेतन उन्हें नहीं देतीं जो सिर्फ श्रेष्ठ विद्यार्थी होते हैं बल्कि उन्हें देती हैं जो संगठनात्मक, प्रेरणात्मक और पूंजी संग्रहण कौशल के साथ समाज का नेतृत्व कर सकें.'' पहले एसआरसीसी के ज्‍यादातर स्नातक सीए, सीएफए या आइआइएम स्नातक बन जाते थे लेकिन हाल के कुछ वर्षों में वे उद्यमी, गैर सरकारी संगठनों और मीडिया में पेशेवरों और यहां तक कि नेताओं और नौकरशाहों जैसी भिन्न भूमिकाओं में भी नजर आ रहे हैं.

एसआरसीसी परिसर है वाइ-फाइ
एसआरसीसी को यह एहसास हो चुका है कि बुनियादी सुविधाओं का विकास महत्वपूर्ण है. गत वर्ष ही इसके परिसर को वाइ-फाइ बनाया गया है.  इस वर्ष कॉलेज कक्षाओं को एयर कंडीशंड बनाने, उनमें सफेद बोर्ड और एलसीडी स्क्रीन लगाने, शिक्षकों को लैपटॉप से लैस करने और विद्यार्थियों को भी कम दरों पर लैपटॉप उपलब्ध करवाने में निवेश कर रहा है. इनका श्रेय जाता है बैंकों, उत्पादकों और कॉर्पोरेट्स के साथ हुए संस्थान के समझैतों को. जैन के मुताबिक, इसका दोहरा लाभ मिलता है. एक ओर जहां विद्यार्थी अधिकाधिक जानकारी ले सकेंगे, वहीं उद्योगों के विश्लेषण और उनसे संबंधित संपूर्ण जानकारी की गुणवत्ता में काफी सुधार आएगा. शिक्षक भी विद्यार्थियों के साथ कदम मिलाने के लिए अच्छे से तैयार रहेंगे.

अरुण जेटली भी रहे हैं एसआरसीसी के छात्र 
किसी भी संस्थान को पंक्ति में सबसे आगे खड़ा रखने के लिए जरूरी होता है अर्जुन की तरह लक्ष्य पर ध्यान टिकाना. मैक्स इंडिया के अनलजीत सिंह, जो एसआरसीसी के पूर्व नामी छात्र भी हैं, कहते हैं, ''एसआरसीसी में आने वाले विद्यार्थी सिर्फ एक कॉलेज में नहीं आते बल्कि वे विशेष पाठ्यक्रम के लिए आते हैं जिस पर उनका सारा ध्यान केंद्रित होता है.'' संस्थान के अन्य प्रख्यात पूर्व छात्रों में शामिल हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और पुंज लॉयड के अतुल पुंज.

दूसरे स्थान पर है कोलकाता का सेंट जेवियर कॉलेज
इस बीच दूसरे स्थान पर है 150 साल का होने जा रहा कोलकाता का सेंट जेवियर कॉलेज, जिसके पास खुश होने के कई कारण हैं. इसका कॉमर्स विभाग लगातार बढ़त कायम रखे हुए है. प्राचार्य फेलिक्स राज कहते हैं, ''कॉलेज का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और स्व-अनुशासन है.'' इस साल सेंट जेवियर में कॉमर्स के लिए 8,000 प्रार्थना पत्र आए हैं. एक ओर जहां अकाउंटेंसी और मार्केटिंग जैसे विषय बेहद लोकप्रिय हैं, वहीं इस साल से स्नातकों के लिए शुरू हुई इंटर्नशिप एक अतिरिक्त आकर्षण है.

शतरंज के महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद हैं लोयोला कॉलेज के पूर्व छात्र
इसी तरह चेन्नै के लोयोला कॉलेज का राष्ट्रीय उद्यमिता तंत्र पर आधारित अनोखा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम कॉलेज के कॉमर्स के विद्यार्थियों को कुछ अलग लाभ देता है. सिंगापुर मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट और लंदन मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी जैसे विश्व स्तरीय संस्थानों के साथ अकादमिक आदान-प्रदान के कार्यक्रम भी अच्छे से जारी हैं. शतरंज के महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद इसके पूर्व छात्र हैं. ऐसे में कॉलेज में कॉमर्स के विद्यार्थियों को कैसी शिक्षा दी जाती है इस बारे में कहने को कुछ खास नहीं रह जाता है. लोयोला में शिक्षण तो उन अनेक पहलुओं में से एक है जिनके बल पर कॉलेज अपनी जगह पर डटा हुआ है.   -साथ में एलोरा सेन और महालिंगम पोन्नुसामी

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