इशरत जहां एनकाउंटर मामले से जुड़ी गुम फाइलों की खोज के लिए गठित जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट गृह सचिव राजीव महर्षि को सौंप दिया है. गृह मंत्रालय सूत्रों की मानें तो जो फाइलें गायब हैं, उसमें से केवल एक दस्तावेज मिला है बाकी का अभी तक कोई पता नहीं है. रिपोर्ट पर अब क्या कदम उठाना है उस पर गृह सचिव को फैसला लेना है.
52 पन्नों की जांच रिपोर्ट
दरअसल एडिशनल सेक्रेटरी बी के प्रसाद गुम फाइलों को लेकर जांच कर रहे थे. 52 पन्नों के इस में रिपोर्ट में केवल एक फाइल मिलने का जिक्र है, जो फाइल मिली है वो तत्कालीन अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती से जुड़ी है. जांच टीम ने रिपोर्ट तैयार करने के दौरान इससे जुड़े 11 दफ्तरों के लोगों से पूछताछ की.
शक के दायरे में गृह मंत्रालय से जुड़े लोग
रिपार्ट की मानें तो इशरत जहां मुठभेड़ से जुड़ी 18 से 28 सितंबर 2009 के बीच की फाइलें गायब हैं और उस वक्त पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे. जांच टीम के मुताबिक कुल 6 ड्राफ्ट पेपर्स गुम हैं. रिपोर्ट की मानें तो फाइलों को जानबूझकर गुम कराया गया और शक के दायरे में गृह मंत्रालय से जुड़े लोग हैं.
राजनाथ ने संसद में फाइलें गुम होने का किया था जिक्र
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने फाइलों का पता लगाने के लिए एक सदस्यीय कमेटी बनाई थी. 10 मार्च को संसद में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने खुलासा किया था कि इशरत जहां मामले की अहम फाइलें गायब हैं. इसके बाद एक सदस्यीय जांच पैनल बनाया गया था.