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दिल्ली का दबाव कम करने के लिए आम आर्थिक क्षेत्र हो: मुख्यमंत्री

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित चाहती हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली और आसपास के उपनगर) पर दबाव कम करने के लिए एक आम आर्थिक एवं कराधान क्षेत्र हो. उनका मानना है कि इस पहल से शहर में आने वाले प्रवासियों की तादाद में कमी आएगी.

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दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित चाहती हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली और आसपास के उपनगर) पर दबाव कम करने के लिए एक आम आर्थिक एवं कराधान क्षेत्र हो. उनका मानना है कि इस पहल से शहर में आने वाले प्रवासियों की तादाद में कमी आएगी.

उल्लेखनीय है कि दीक्षित उत्तरी राज्यों के एक आम आर्थिक क्षेत्र (कामन इकनामिक जोन) की वकालत करती रही हैं ताकि इस क्षेत्र का विकास किया जा सके. दिल्ली में बाहर से आने वाले लोगों की तादाद को प्रमुख चुनौती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मामले में पड़ोसी राज्यों और फिक्की, सीआईआई तथा पीएचडी चेंबर आफ कामर्स जैसे प्रमुख उद्योग मंडलों से बात की है लेकिन अब कोई उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

उन्होंने कहा ‘‘मैंने हमेशा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक आम आर्थिक और आम कराधान क्षेत्र की वकालत की है. मैंने एनसीआर योजना बोर्ड की हर बैठक में यह बात कही है.’’ पिछले महीने हुई बैठक में उन्होंने बोर्ड के समक्ष कहा कि वह प्रवासियों की तादाद में बढ़ोतरी के कारण राजधानी के बुनियादी क्षेत्र पर पड़ने वाले दबाव को हल्का करने के लिए उचित कदम उठाए. मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘स्वतंत्रता के समय हमारी जनसंख्या 14 लाख थी. आज हमारी जनसंख्या 1.6 करोड़ है. क्षेत्रफल उतना ही है. हालांकि उपनगर बन गए हैं लेकिन यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि पूरे उत्तरी भारत की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र दिल्ली ही रहेगा.’’

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाली स्वायत्त संस्था है जिसकी स्थापना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय योजना तैयार करने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को धन देने के लिए की गई है. आम आर्थिक क्षेत्र की वकालत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में भी इसी मात्रा में रोजगार के मौके पैदा करने के मामले में गंभीर प्रयास किए जाने चाहिए.

शीला दीक्षित ने कहा ‘‘आप चेन्नई का क्षेत्रफल बढ़ा सकते हैं, आप हैदराबाद का दायरा बढ़ा सकते हैं, आप मुंबई का क्षेत्रफल बढ़ा सकते हैं लेकिन आप दिल्ली की जमीन नहीं बढ़ा सकते. यह राज्यों से घिरा है जो आपको एक ईंच जमीन नहीं देंगे.’’ दिल्ली के दबाव को कम करने के लिए दीक्षित ने केंद्र से देश में और नए शहर बनाने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘कृपया और ऐसे शहर बनाएं जो दिल्ली की तरह आरामदेह हों और वहां रोजगार के इतने ही मौके हों जितने हैदराबाद, बैंगलोर, चेन्नई या दिल्ली मुहैया कराती है. हमें ऐसे 100 से 200 शहरों की जरूरत है ताकि इन शहरों और विशेष तौर पर दिल्ली में बाहर से आने वालों की तादाद पर लगाम लगाई जा सके.’’

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