वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन में कम्यूनिस्ट पार्टियों को देशविरोधी चरित्र का बताया. उन्होंने कहा कि देश हितों के खिलाफ बोलना वामपंथियों की पुरानी आदत है.
रविवार को वृंदावन बीजेवायएम के अधिवेशन के दूसरे और अंतिम दिन में जेटली ने कार्यकर्ताओं को बताया कि बाबासाहेब भीमराव अंबेदकर ने कहा था कि साम्यवादी हिंसा का प्रयोग करके संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के पक्ष में रहते हैं. उन्होंने बताया कि जब गांधीजी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की आवाज उठाई, उस वक्त भी कम्यूनिस्टों ने स्वतंत्रता आंदोलन का पूर्ण रुप से विरोध किया.
Jab azaadi aayi toh unki (communist party) vichaar dara thi ki hum lok tantra mein vishwaas nahi karte.(ctd)-Jaitley pic.twitter.com/6DDuSgooB1
— ANI (@ANI_news) March 6, 2016
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हिंसा और इमरजेंसी के समर्थक रहे कम्यूनिस्ट
वित्त मंत्री ने कहा कि देश हितों के खिलाफ बोलना वामपंथियों की पुरानी आदत रही है. जब आजादी आई तो इनकी पार्टियों ने कहा कि हमारी विचारधारा है कि लोकतंत्र पर विश्वास नहीं करते. इसलिए हिंसा के माध्यम से देश के टुकड़े-टुकड़े करेंगे और कब्जा करेंगे. यही उनकी विचारधारा थी. उन्होंने कहा कि जब देश में इमरजेंसी थोपी गई थी तब सिर्फ कम्यूनिस्ट पार्टियों ने ही कांग्रेस का समर्थन किया था.
WATCH: Union Minister Arun Jaitley speaks on Communist party of India in Mathurahttps://t.co/wZ46JCc9cN
— ANI (@ANI_news) March 6, 2016
वैचारिक लड़ाई में बहस को आगे बढ़ाएं युवा
जेटली ने जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के जरिए कांग्रेस पर हमला किया. उन्होंने कहा कि कभी गांधीजी, नेहरूजी, इंदिराजी या राजीव गांधी ने ऐसा नहीं किया जैसा कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इन दिनों जेएनयू में जाकर किया. जेटली ने कहा कि जो कन्हैया देशद्रोह के आरोप में जेल गए, उन्हें जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद तिरंगा दिखाकर भारत माता की जय बोलना पड़ा. यहा हमारी वैचारिक जीत है. इस वैचारिक लड़ाई में जीत हमारी ही होगी. आप सब इस वैचारिक बहस को आगे बढ़ाएं.