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सीक्रेट फाइलों से खुला राज, ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों को नेताजी के जीवित होने का भरोसा था

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की चंद फाइलें ही अभी सार्वजनिक हुई हैं कि राज खुलने लगे हैं. ऐसी ही एक फाइल में खुलासा हुआ है कि ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों को नेताजी के जिंदा होने का भरोसा था.

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की चंद फाइलें ही अभी सार्वजनिक हुई हैं कि राज खुलने लगे हैं. ऐसी ही एक फाइल में खुलासा हुआ है कि ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों को नेताजी के जिंदा होने का भरोसा था.

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फाइल नंबर 58 में अखबारों में छपे लेखों और रिपोर्ताज की कटिंग लगी हुई हैं. ऐसी ही एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को ही नेताजी से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक की हैं. आम लोग इन्हें सोमवार से देख सकेंगे.

बेचैन हो गया था ब्रिटेन
ब्रिटिश सरकार को जब अपनी खुफिया एजेंसियों से यह सूचना मिली थी तो वह बेचैन हो उठी थी. नेताजी तब घर लौटने की तैयारी कर रहे थे. हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि नेताजी के जिंदा होने की खबर उन सबूतों के आधार पर दी गई थी जिनमें कहा गया था कि उन्हें चीन या सोवियत रूस में देखा गया है.

प्लेन क्रैश पर सस्पेंस बरकरार
प्लेन क्रैश पर सस्पेंस बरकरार है. इन फाइलों से यह पता नहीं चलता कि नेताजी की मौत कैसे हुई थी. ब्रिटिश एजेंसियों को उनके जिंदा होने की खबर मिली थी तो भी वे इसका सबूत नहीं खोज पाए थे कि उनकी मौत प्लेन क्रैश में हुई है.

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पत्नी की भी कराई थी जासूसी
फाइल नंबर 62 में खुलासा हुआ है कि खुफिया एजेंसी ने उनकी पत्नी की भी जासूसी की थी. एजेंसी ने उनकी पत्नी और सिसिर बोस के बीच हुए मेल के आदान-प्रदान को इंटरसेप्ट किया था.

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